Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

अब भी गलत आंकड़े पेश करके प्रदेश की जनता को अपमानित कर रहे हैं अखिलेश:सिद्धार्थ नाथ सिंह

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर झूठ की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हाल ही में संपन्न चुनाव में पूरे प्रचार के दौरान जनता को झूठे आंकड़े देकर गुमराह करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जनता द्वारा नकारे जाने के बाद भी अखिलेश लगातार झूठ का सहारा ले रहे हैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को जारी एक बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि चुनाव में कड़ी पराजय के बाद भी अखिलेश लगातार झूठ बोल रहे हैं और गरीबी के गलत आंकड़े देकर एक बार फिर प्रदेश की जनता को नीचा दिखा कर अपमानित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अखिलेश ने नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) का हवाला देकर उत्तर प्रदेश को गरीबी की सूची में निम्न स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी विडंबना है कि नीति आयोग के जिन आंकड़ों का वह उल्लेख कर रहे हैं, वे 2015-16 के हैं जिस दौरान प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी।

उन्होंने कहा सच तो यह है कि नीति आयोग के हाल ही के आंकड़े जो जल्दी ही जनता के सामने आने वाले हैं, उसमें उत्तर प्रदेश की स्थिति बहुत बेहतर है। उन्होंने कहा कि अखिलेश को सही जानकारी नहीं है के हालिया अध्ययन के अनुसार बहुआयामी सूचकांक के 12 मानदंडों में स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा सहित अनेक मानदंडों पर उत्तर प्रदेश में सुधार आया है और पिछले पांच सालों में गरीबी में 15 प्रतिशत की कमी आई है। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि जनता का बार-बार उपेक्षा झेलने के बाद भी सपा अध्यक्ष झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं। अगर प्रदेश में कुछ भी अच्छा हो रहा है तो यह कहने में उनको गुरेज क्या है उनको मालूम होना चाहिए कि जनता को झूठ बर्दाश्त नहीं है।

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है अखिलेश चाहें तो नीति आयोग के सही आंकड़े देकर जनता के सामने अपनी गलती सुधार सकते हैं। लेकिन ऐसा करेंगे नही अखिलेश क्योंकि उन्हें झूठ की राजनीति करने की आदत पड़ गयी है।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending