पेट्रोल-डीजल के दाम वैसे तो हर रोज बहुत कम यानी पैसे में बढ़ते हैं लेकिन इसका असर काफी भारी होता है। पिछले पांच दिन में चार बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं। पैसे पैसे करके यह बढ़ोतरी चार दिन में 3.20 रुपए हो गई है। यानी एक हफ्ते में ही कीमतें 3 रुपए से ज्यादा बढ़ गई हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक फिलहाल कीमतों में अभी राहत की उम्मीद नहीं दिख रही है।
आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 98.61 रुपए प्रति लीटर और डीजल 89.87 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के चलते 137 दिनों तक कंपनियों ने तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया था, जबकि इस दौरान क्रूड के रेट करीब 40 फीसदी से ज्यादा महंगे हो चुके हैं।
क्रूड प्राइस का कहर
इंटरनेशनल मार्केट में आज शनिवार को दोपहर क्रूड प्राइस 120 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास चल रहे हैं। ऐसी स्थिति में विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के दाम और बढ़ सकते हैं। क्योंकि सरकारी तेल कंपनियों को भारी घाटा हो रहा है। क्रूड ऑयल जब 70 से 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब चल रहा था तब पेट्रोल डीजल की कीमतें इसी स्तर के आस-पास थी। अब कच्चा तेल लगभग 40 फीसदी से ज्यादा महंगा हो गया है।
रूस यूक्रेन यूद्ध के चलते क्रूड ऑयल की कीमतों में बेतहाशा तेजी आई है। लिहाजा देश की सरकारी तेल कंपनियां रेट बढ़ाएंगी। विधानसभा चुनावों को देखते हुए बीच में कुछ दिन ईंधन के रेट स्थिर थे लेकिन इस हफ्ते से इसमें रोज ब रोज बढ़ोतरी होने लगी है।
तेल कंपनियों को 19000 करोड़ का घाटा
मूडीज इनवेस्टर सर्विस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की सरकारी तेल कंपनियों को कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से लगभग 19,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। मार्च महीने में ही आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को यह नुकसान उठाना पड़ा है। इसकी वजह देश में पेट्रोल-डीजल के खुदरा दाम न बढ़ाने को माना जा रहा है।
देश में 4 नवंबर 2021 से 21 मार्च 2022 तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई भी बदलाव नहीं किया गया था। जबकि इस दौरान क्रूड ऑयल की कीमतें 80 डॉलर से 120 डॉलर पहुंच गई हैं। अब यह माना जा रहा है कि पेट्रोल-डीजल के खुदरा दाम भी लगातार बढ़ेंगे। इसमें राहत तभी मिलेगी जब क्रूड 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आए या सरकार अपना टैक्स घटाएं।