Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना की चौथी लहर में आपके दांतों को है खतरा! इन 6 लक्षणों को भूल कर भी ना करें नज़रअंदाज़

Published

on

Loading

कोविड-19 की तीसरी लहर के बाद ऐसा लगा था कि ये महामारी अब खत्म हो चुकी है, लेकिन कोरोना वायरस एक बार फिर धीरे-धीरे अपना पैर पसार रहा है। यूरोप और एशिया के देशों में मामले लगातार बढ़न रहे हैं। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि दूसरे बड़े मुल्कों में भी कोरोना की चौथी लहर जल्द दस्तक दे सकती है जिसके लिए ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट बीए.2 जिम्मेदार है।

कोरोना से अपने दांतों को बचाएं

कोरोना वायरस मुख्य रूप से सांस की बीमारी है जो फेफड़े को नुकसान पहुंचाती है। इसमें तेज बुखार, खांसी और गले में खराश होती है, लेकिन अब ये वायरस शरीर के दूसरे हिस्सों में अपना कहर बरपा रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि कोविड-19 दांतों और मसूड़ों को भी नुकसान पहुंचा रहा है जिसके लक्षण सामने आने लगे हैं, इसे ‘कोविड टीथ’ (COVID Teeth) का नाम दिया जा रहा है। कोरोना की चौथी लहर से पहले इन लक्षणों को समझना आपके लिए बेहद जरूरी है।

कोविड का दांतों से रिश्ता

एक रिसर्च में पाया गया है कि कोरोना वायरस के लक्षण और डेंटल हेल्थ के बीच गहरा रिश्ता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोविड-19 दांतों की सेहत पर असर डाल सकता है। कोरोना से पीड़ित 75 फीसदी मरीजों में दांतों की परेशानी देखने को मिली है।

क्या दांतों के जरिए मिलेगा कोरोना का इशारा?

कोरोना वायरस के लक्षणों पर हुई 54 स्टडी की एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि इस गंभीर बीमारी के टॉप 12 लक्षणों में मुंह से जुड़े संकेत नहीं थे। इनमें बुखार (81.2 फीसदी), खांसी (58.5 फीसदी) और थकान (38.5 फीसदी) सबसे कॉमन साइन थे।

दांतों से जुड़े कोरोना की वॉर्निंग साइन

कोरोना वायरस के कुछ लक्षण मुंह में तब देखाई देते हैं जब इस वायरस का असर डेंटल हेल्थ पर पड़ता है। ऐसे संकेतों को बिलकुल नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर को दिखाते हुए कोविड-19 टेस्ट कराएं। इसके लक्षण हैं-

1. मसूड़ों में दर्द
2. जबड़े या दांत में दर्द
3. मसूड़ों में खून का थक्का जमना
4. बुखार
5. खांसी
6. थकान

‘कोविड टीथ’ का क्या है इलाज

दांतों या मसूंड़ों का दर्द किसी को भी परेशान कर सकता है, जिससे दिनचर्या पूरी तरह प्रभावित हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते इसका इलाज करा लें। दर्द कम करने के लिए एसिटामिनोफेन के बजाए 400 मिलीग्राम इबुप्रोफेन लेना ज्यादा असरदार हो सकता है। हालांकि कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

Continue Reading

Trending