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प्रादेशिक

रोजगार से लेकर हर जिले में CMO तक 9 बड़ी घोषणाएं, 4 विवाद; ऐसा रहा मान सरकार का एक महीना

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पंजाब विधानसभा चुनाव में 92 सीटों पर जीत के साथ सत्ता में आई भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार को एक महीना पूरा हो गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री मान ने युवाओं को रोजगार से लेकर स्कूल फीस के संबंध में कई अहम घोषणाएं की, जिनपर आम आदमी पार्टी खुलकर अपने शासन का बखान कर सकती है। हालांकि, इस दौरान सरकार दिल्ली में राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के अधिकारियों के चलते विवादों में भी आई।

घोषणाएं

पद संभालने के साथ ही मान ने पहली कैबिनेट मीटिंग में युवाओं के लिए 25000 नौकरियों का ऐलान किया। इन्हें लेकर विज्ञापन जारी होना बाकी है। उन्होंने घोषणा की थी कि उनका पहला फैसला युवाओं को रोजगार देना होगा। उनका दूसरा फैसला 35000 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते इसे लागू करना मुश्किल होगा।

सरकार ने स्कूल फीस में बढ़त पर भी लगाम लगाने की घोषणा कर दी है। वहीं, आटा दाल योजना के तहत लाभार्थियों के घर पर अनाज पहुंचाने का फैसला भी लिया गया है। हालांकि, इसका लागू होना अभी बाकी है। मान ने अधिकारियों से फील्ड पर जाकर लोगों की परेशानियां सुनने के लिए भी कहा है। उन्होंने लोगों के मु्द्दों पर विचार करने के लिए चंडीगढ़ स्थित सीएमओ के साथ हर जिले में सीएम कार्यालय और नोडल अधिकारी तैयार करने की घोषणा की है।

सरकार ने एंटी-गैंगस्टर टास्कफोर्स का गठन भी किया है। आप सरकार ने कई विधायकों की पेंशन खत्म कर दी है। राज्य में कई विधायक प्रति माह तीन लाख रुपये से ज्यादा पेंशन ले रहे थे। मान ने शहीद भगत सिंह के शहादत दिवस पर एंटी-करप्शन हेल्पलाइन की शुरुआत की। फिलहाल, इस हेल्पलाइन पर लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। दो अधिकारियों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए जा चुके हैं।

विवादों में भी आई सरकार

सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने 300 यूनिट फ्री बिजली को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक की थी। खास बात है कि इस बैठक में खुद सीएम मान मौजूद नहीं थे। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने भी सवाल उठाए कि प्रोटोकॉल इस बात की अनुमति नहीं देता कि पंजाब के अधिकारी पंजाब से जुड़े मुद्दों पर चर्चा दिल्ली के सीएम के साथ करें। हालांकि, मान का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिए भेजा था।

हिंसा के बीच ट्रक यूनियनों पर नियंत्रण करने के चलते भी पार्टी काफी विवादों में रही। राज्य के कई हिस्सों से जबरन नियंत्रण और हिंसा की खबरें सामने आई थी। हिमाचल प्रदेश यात्रा के दौरान सरकारी हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल ने भी मान सरकार को सवालों के घेरे में ला दिया था। उस दौरान केजरीवाल भी विधानसभा चुनाव के लिए समर्थन हासिल करने उनके साथ थे।

मान ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार चंडीगढ़ विधानसभा परिसर में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की मूर्तियां स्थापित करेंगी। हालांकि, चंडीगढ़ में मूर्तियां लगाने की अनुमति नहीं है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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