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प्रादेशिक

मोदी और योगी की सरकार काशी में 75 अमृत सरोवरों का करेगी विकास

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वाराणसी। राजा महाराजाओं ने कुंड और तालाबों के महत्व को समझते हुए अपने राज्य में न सिर्फ इनको खुदवाया बल्कि इनकी देखरेख पर भी विशेष ध्यान दिया था। इन शासकों को सरोवरों से होने वाले भूजल प्रबंधन के गुणों की भी बखूबी जानकारी थी। उनको पता था, तालाब व कुंड में संचित जल की भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। देश के आज़ादी की 75 वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ‘अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। ऐसे में मोदी और योगी की सरकार काशी में 75 अमृत सरोवरों  का  विकास कर रही है। पर्यावरण ,भूजल प्रबंधन ,और राष्ट्रीयता का प्रतीक होंगे सरोवर।  सरोवरों का सौंदर्यीकरण और हरियाली कराकर रमणीय स्थल बनाएगी। अमृत सरोवर के विकास के लिए सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के गांव को प्राथमिकता देगी। राष्ट्रीय पर्वों पर अमृत सरोवर के पास तिरंगा झंडा रोहण की व्यवस्था भी होगी। 15 अगस्त 2022 तक अमृत सरोवरों के विकास का काम पूरा होना है। पूर्व की सरकारों के ध्यान न देने से ,समय के साथ या तो तालाब पटते चले गए या इनकी दशा ख़राब होती चली गई।

देश के आज़ादी के 75 वर्षगांठ के उपलक्ष्य में देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत सभी लोकसभा क्षेत्रों में अमृत महोत्सव के अंतर्गत एक अनूठी योजना बनाई गई है।  जिसमे काशी में 75 अमृत सरोवरों का विकास किया जायेगा। मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने बताया कि अमृत सरोवर को ग्राम पंचायत के द्वारा एक रमणीय स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। अंततः प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक अमृत सरोवर का विकास होगा । सरोवरों में पूरे साल भरा साफ़ जल जाए और सिर्फ बारिश का पानी जाए इसके लिए भी विशेष व्यवस्था की जायेगी । एक एकड़ में बनने वाले अमृत सरोवर के आस-पास जरुरत  मुताबिक़ नीम ,पीपल ,कटहल ,जामुन,बरगद,सहजन,पाकड़ ,महुआ  आदि के पौधे लगाए जाएंगे। पौधों की सुरक्षा के लिए फेंसिंग लगाए जाएंगे । अमृत सरोवर के विकास  के लिए उन गॉव को वरीयता दी जाएगी जहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व शहीदों के गाँव है। सरोवरों के भूमि पूजन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ,वरिष्ठ नागरिकों को आमंत्रित किया जायेगा। सरोवर के पास तिरंगा झंडा रोहण की व्यवस्था भी होगी  जिससे राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर गांव के लोग झंडारोहण का कार्यक्रम कर सके।

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि सरोवर में वाकिंग पथ और बेंच लगाया जाएगा जिससे राहगीर और स्थानीय लोग आराम कर सके। सरोवर में साफ़ पानी ही एकत्र हो इसके लिए प्रत्येक अमृत सरोवर के इनलेट में सिल्ट चैम्बर बनाया जाएगा। ज़रूरत के मुताबिक सरोवरों को करीब 2 मीटर गहरा करना होगा। यहां रोशनी की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी जिससे रात में लोग सरोवर के किनारे बैठ कर आनंद उठा सके।  सौंदर्यीकरण का काम सीएसआर फंड से करने की योजना है । 15 अगस्त 2022 तक अमृत सरोवर के विकास का काम पूरा होना है।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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