नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के आदेश में कुछ ढील देने का मन बनाया है। सरकार के ओर से यह घोषणा की गई है कि 13 मई से पहले जो भी गेहूं की खेप कस्टम विभाग को सौंप दी गई थी या फिर उसका विवरण उनके सिस्टम में दर्ज कर लिया गया है, ऐसी गेहूं की खेपों को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी।
मिस्र को होगी गेहूं की आपूर्ति
सरकार ने मिस्र को दी जाने वाले गेहूं के शिपमेंट को भी अनुमति दे दी है। गेहूं की यह खेप कांडला पोर्ट पर लोड हो रही थी, जिसे प्रतिबंध के बाद रोक दिया गया था। मिस्र सरकार ने भी भारत से गेंहू की खेप को अनुमति देने का आग्रह किया था।
खाद्य सुरक्षा को लेकर लिया फैसला
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा स्थिति का प्रबंधन करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
साथ ही सरकार ने वैश्विक बाजार में अचानक बदलाव से प्रतिकूल रूप से प्रभावित और पर्याप्त गेहूं की आपूर्ति तक पहुंचने में असमर्थ पड़ोसी देशों की जरूरतों का समर्थन करने के लिए यह फैसला लिया था।
पूर्व में की गई प्रतिबद्धताओं को मंजूरी
सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक यह प्रतिबंध उन मामलों में लागू नहीं होगा जहां निजी व्यापार द्वारा क्रेडिट पत्र के जरिए पूर्व में प्रतिबद्धताएं की गई हैं।
ऐसी स्थिति में जहां सरकार ने स्वंय अन्य देशों की सरकारों के अनुरोध पर उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने की अनुमति दी है।
हालिया आदेश के तीन मुख्य उद्देश्य
भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण
अन्य देशों को खाद्य संकट का सामना करने में मदद करना
एक आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की विश्वसनीयता बनाए रखना है