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उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी के जन्मदिन पर सरल केयर फाउंडेशन ने ड्रीम वैली में किया वृक्षारोपण

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लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर सरल केयर फाउंडेशन के द्वारा उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन की बधाई देने के साथ- साथ ड्रीम वैली पार्क में ‘पाकड़’ के पौधे का रोपण कर एक अभियान की शुरुआत की।  सरल केयर फाउंडेशन साल भर अलग अलग अवसरों पर पूरे साल वृक्षारोपण करेगा।

मुख्यमंत्री के जन्मदिन दिवस के अवसर पर पौधा लगाने में कार्यक्रम में ड्रीम वैली के राजेश राय, सरल केयर फाउंडेशन की प्रेसिडेंट रीता सिंह, संजोगिता महाजन मेमोरियल ट्रस्ट के अनुराग महाजन, ओमेश्वर सिंह, संगीता सिंह, समाजसेवी और इनरव्हील क्लब की अमिता सिंह और उप्र मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के पूर्व कोषाध्यक्ष इंद्रेश रस्तोगी और ऐश्वर्या सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे।

‘पाकड़’ के एक पौधे के बाद 11 विभिन्न प्रकार के पौधों का रोपण किया गया। जिसमे गुड़हल, कनेर, पीपल, बरगद, आम और अमरूद जैसे छोटे छोटे पौधे भी थे। राजेश राय ने कहा ‘मुख्यमंत्री जी के जन्मदिन पर एक पौधे को लगा कर सुखद अनुभूति हो रही है। इस पौधे का संरक्षण किया जायेगा’।

सरल केयर फाउंडेशन की अध्यक्ष रीता सिंह ने कहा ‘संस्था हर साल अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधे लगवाने के काम करती हैं। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान भी करती हैं. इस बार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्ले कार्ड पर सन्देश लिख कर प्रचारित किया गया।’

इन प्ले कार्ड में ‘पेड़ होंगे नष्ट, सांस लेने में होगा कष्ट’, ‘बच्चो को दीजिये शिक्षा, पर्यावरण की करे रक्षा’, ‘पेड़ काटना पाप प्रकृति नहीं करेगी माफ’, ‘सौर ऊर्जा, भविष्य की ऊर्जा’ ऐसे सन्देश लिखे थे। सभी इस प्ले कार्ड में लिखे संदेशों को ज़्यादा से ज्यादा जनता के बीच प्रचारित करने का काम करेगे। जिससे पर्यावरण संरक्षण का अभियान सफल हो।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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