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राजस्थान में राज्यसभा के लिए मतदान शुरू, सुभाष चंद्रा के ट्वीट ने गरमाई सियासत

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चंडीगढ़। आज 10 जून को राज्यसभा की 57 सीटों में से चार राज्यों की 16 सीटों पर मतदान जारी है। 11 राज्यों की 41 सीटों पर उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तीन जून को ही हो चुका है।

इसी क्रम में राजस्थान में राज्यसभा की 4 सीटों के लिए सुबह नौ बजे मतदान शुरू हो गया। आज शाम को ही नतीजा आ जाएगा। इस बीच मतदान से पहले गुरुवार देर रात भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के ट्वीट से सियासत गर्मा गई है।

सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय विधायक बलजीत यादव को को टैग करते हुए 1 ट्वीट किया। जिसमें लिखा- “राजस्थान की जनता और विधायकों को भरोसा दिलाता हूं, प्रदेश की सरकारी भर्तियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता व आरक्षण देने के प्रावधान के लिए राज्यसभा में उचित प्रयास करूंगा,राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने व संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करवाने की कोशिश करूंगा।

बलजीत यादव ने की थी मांग

उल्लेखनीय है कि बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने हाल ही में राज्य सरकार की नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता व आरक्षण देने की मांग उठाई थी। यादव ने कहा कि जो उनकी मांगों को पूरा करेगी उसे ही वोट देंगे।

सुभाष चंद्रा ने ट्वीट में उन सब मांगों का समाधान राज्यसभा के जरिए करवाने का प्रयास करने का आश्वासन दिया गया जो मांगे पिछले लंबे समय से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव उठा रहे थे। खास बात यह भी है कि बलजीत यादव जो ट्वीट किए जाने तक कांग्रेस समर्थित विधायकों के कैंप में शामिल नहीं हुए थे इस पोस्ट के बाद बाड़ेबंदी में पहुंच गए।

चौथी सीट पर कड़ा मुकाबला

राजस्थान में राज्यसभा की 4 सीटों पर हो रहे चुनाव में चौथे उम्मीदवार मीडिया मुग़ल सुभाष चंद्रा की एंट्री ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। चौथी सीट पर मुकाबला कड़ा होगा। यही एक ऐसी सीट होगी जिस पर अपने प्रत्याशी को जिताने में निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों की भूमिका अहम होगी।

यही कारण है कि हरेक विधायक को अपने पाले में डालने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। बलजीत यादव का नाम इसमें ही शुमार है। हालांकि बलजीत यादव को मनाने के लिए गहलोत सरकार ने उनकी मांगे मान ली है।

बलजीत यादव के कहने पर गुरुवार देर रात बहरोड़ के 3 स्कूलों के प्रधानाचार्यों को एपीओ कर दिया गया। बलजीत यादव कांग्रेस की बाड़ेबंदी भी शामिल हो गए है, लेकिट चंद्रा के ट्वीट से एक बार फिर अटकलों को हवा मिली है।

सुभाष चंद्रा को जीत के लिए 8 वोट चाहिए

मौजूदा ​संख्या बल के हिसाब से BJP एक सीट पर जीत रही है। दूसरी सीट के लिए उसे 11 वोट चाहिए। भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। सुभाष चंद्रा भी मैदान में है। भाजपा के 71 विधायक हैं। एक सीट जीतने के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए।

दो उम्मीदवारों के लिए 82 वोट चाहिए। भाजपा समर्थक दूसरे उम्मीदवार को जीतने के लिए 11 वोट कम पड़ रहे हैं। हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के 3 विधायकों का सपोर्ट सुभाष चंद्रा को मिलने से कुल संख्या 74 हो जाती है। फिर दूसरे उम्मीदवार के लिए 8 वोटों की कमी रहती है।

कांग्रेसी खेमे में सेंध लगाकर आठ वोट का प्रबंध करने पर ही भाजपा समर्थक दूसरा उम्मीदवार जीत सकता है। कांग्रेस के रणनीतिकार कांग्रेस के 108, 13 निर्दलीय, एक आरएलडी, दो सीपीएम और दो बीटीपी विधायकों को मिलाकर 126 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। इसलिए मुकाबला बहुत रोचक है। कांग्रेसी खेमे से भाजपा कुछ निर्दलीयों और नाराज कांग्रेस विधायकों में सेंध लगाने के प्रयास में है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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