प्रयागराज (उप्र)। प्रयागराज में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा और पत्थरबाजी मामले में पुलिस का एक्शन लगातार जारी है। बुधवार को हिंसा के 40 और उपद्रवियों की सीसीटीवी फुटेज व वीडियो कैमरा से पहचान हुई। प्रयागराज एसएसपी ने इन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए इनकी फोटो सोशल मीडिया के मदद से सार्वजनिक कर दिया है।
पुलिस ने यह भी अपील की है कि आरोपी आत्मसमर्पण कर दे नहीं तो उनके खिलाफ कोर्ट से अनुमति लेकर कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं, इस मामले में पुलिस ने अब तक 95 लोगों को गिरफ्तार किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि जिन व्यक्तियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी, उनके खिलाफ वारंट जारी करने की कार्रवाई की जाएगी और उनको 107, 116 और अन्य धाराओं के तहत पाबंद कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों के मकानों की कुर्की भी कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि आगामी शुक्रवार को फिर से ऐसी घटना ना हो, इसके लिये पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया जा रहा है और प्रमुख धर्म गुरुओं से लगातार संवाद किया जा रहा है। किसी बेकसूर को जेल ना जाना पड़े, इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है जिसके सही गलत का आकलन करने के बाद ही गिरफ्तारी की जा रही है।
बता दें कि पिछले जुमे को अटाला में उपद्रव के लिए पत्थरबाज़ी की बड़े स्तर पर तैयारी हुई थी। इसकी तस्दीक नगर निगम के अभियान के दौरान हुई है। उपद्रव के दिन से मंगलवार तक चलाए गए अभियान में नगर निगम ने इस इलाके 31 ट्रक ईंट, पत्थर और बोल्डर अटाला में हटाया है।
इसमें मंगलवार को छह ट्रक छह ट्रक ईंट-पत्थर मिला। इससे पहले 25 ट्रक ईट-पत्थर और बोल्डर हटाया जा चुका है। मंगलवार शाम नगर निगम की टीम अटाला क्षेत्र पहुंची। टीम ने जब गलियों से ईट पत्थर और बोल्डर बीना तो यह छह ट्रक निकला है।
निगम के अधिकारियों का कहना है कि अब तक 31 ट्रक मलबा हटाया जा चुका है। यह सब पहले से यहां था या साजिशन लाया गया, यह कहना मुश्किल है।
37 अन्य आरोपियों की हो रही तलाश
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि प्राधिकरण को दो-तीन दिन पहले उन 37 लोगों के नामों की सूची मिली है जो पथराव की घटना में शामिल थे।
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण के लोग इन 37 आरोपियों के पते ठिकानों की तलाश कर रहे हैं। हालांकि इलाके में ज्यादातर लोग पथराव की घटना के बाद मकान पर ताला लगाकर कहीं चले गए हैं, जिससे इन आरोपियों के मकान आदि के बारे में पूछताछ करने में मुश्किल आ रही है।