आध्यात्म
कल है कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इस साल कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी शुक्रवार 17 जून को है। चतुर्थी तिथि भगवान श्रीगणेश को समर्पित मानी गई है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है।
मान्यता है कि विघ्नहर्ता की विधिवत पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, बुद्धि व ऐश्वर्य आदि की प्राप्ति होती है।
संकष्टी चतुर्थी जून 2022 शुभ मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी व्रत 17 जून, शुक्रवार को रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि 17 जून को सुबह 06 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी, जो कि 18 जून को दोपहर 02 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी।
संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय
संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रदेव की पूजा का भी विधान है। मान्यता है कि चंद्रदेव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है। 17 जून को चंद्रोदय रात 10 बजकर 03 मिनट पर होगा।
संकष्टी चतुर्थी पूजा-विधि
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
गणपित भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान गणेश को पुष्प अर्पित करें।
भगवान गणेश को दूर्वा घास भी अर्पित करें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दूर्वा घास चढ़ाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
गणेश जी को सिंदूर लगाएं।
विघ्नहर्ता गणेश का ध्यान करें।
गणेश जी को मोदक या लड्डूओं का भोग लगाएं।
इस व्रत में चांद की पूजा का भी महत्व होता है।
शाम को चांद के दर्शन करने के बाद ही व्रत खोलें।
भगवान गणेश की आरती जरूर करें।
पूजा सामग्री
भगवान गणेश की प्रतिमा, लाल कपड़ा, दूर्वा, जनेऊ, कलश, नारियल, पंचामृत, पंचमेवा, गंगाजल, रोली, मौली लाल
उत्तर प्रदेश
जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत
नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।
दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।
हादसे में बड़ी बेटी का निधन
हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.
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