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बिजनेस

HDFC BANK ने शुरू किए 51 और गोल्ड लोन डेस्क, डिप्टी सीएम ने किया उद्घाटन

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उप्र में बैंक के पास अब 170 गोल्ड लोन डेस्क हैं

लखनऊ। भारत के निजी क्षेत्र के नंबर 1 बैंक एचडीएफसी बैंक ने आज घोषणा की कि उसने उप्र में अपने शाखा नेटवर्क में 51 गोल्ड लोन डेस्क जोड़े हैं। 51 नए गोल्ड लोन डेस्क के साथ, राज्य में 170 बैंक शाखाएं अब गोल्ड लोन की पेशकश कर सकेंगी।

इस वित्तीय वर्ष के अंत तक सभी शाखाओं में गोल्ड लोन डेस्क खोलने की योजना

बैंक राज्य में अपनी सभी शाखाओं को चालू वित्तीय वर्ष में गोल्ड लोन को संसाधित करने में सक्षम बनाने की दिशा में काम कर रहा है। यह सुविधा लोगों को कम से कम दस्तावेज़ीकरण और शुल्क में पारदर्शिता के साथ अपने बेकार पड़े सोने का अधिकतम लाभ उठाने की अनुमति देगी।

गोल्ड लोन लचीले कार्यकाल और पुनर्भुगतान विकल्पों के साथ उपलब्ध हैं – कार्यकाल 3 महीने से शुरू होकर 36 महीने तक। गोल्ड लोन आवेदकों में वेतनभोगी और स्व-नियोजित दोनों श्रेणियों से लेकर विभिन्न खंड शामिल हैं। न्यूनतम दस्तावेज़ीकरण के साथ छोटी अवधि के लिए त्वरित ऋण तलाशने वाले लोगों को इस सुविधा से लाभ होगा।

उत्पाद लाभ:

  • त्वरित संवितरण • न्यूनतम दस्तावेज • फ्लेक्सी पुनर्भुगतान विकल्प • प्रतिस्पर्धी ब्याज दर

शहर में आयोजित एक समारोह में, उप्र के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों अखिलेश कुमार रॉय, शाखा बैंकिंग प्रमुख – उप्र और उत्तराखंड और अनिल खुगशाल, क्षेत्रीय ग्रामीण प्रधान की उपस्थिति में गोल्ड लोन डेस्क का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हम एचडीएफसी बैंक को धन्यवाद और बधाई देते हैं कि बैंक लोगों की जरूरत को समझते हुए इतनी बड़ी योजना लाए जिसमे कि प्रोसेस करके मात्र 45 मिनट में जरूरतमंद को लोन मिल जायेगा और हमारी बहने साहूकारों के द्वारा किये जा रहे मानसिक उत्पीडन से भी निजात पाएंगी।

अखिलेश कुमार रॉय, शाखा बैंकिंग प्रमुख (उप्र) एचडीएफसी बैंक ने कहा “हम राज्य की बैंक शाखाओं में 51 गोल्ड लोन डेस्क शुरू करने के लिए उत्साहित हैं। इसके अलावा, हम उप्र में एचडीएफसी बैंक की सभी शाखाओं में गोल्ड लोन उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं।इससे आम जनता को अपनी वित्तीय जरूरतों/अत्यावश्यकताओं को पूरा करने के लिए बेकार पड़े सोने के बदले ऋण लेने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा हम गोल्ड लोन की उच्च मांग देख रहे हैं और यह मांग अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहकों से आ रही है, जो असंगठित साहूकारों और साहूकारों से दूर बैंकों जैसे संगठित क्षेत्र में स्थानांतरित हो रहे हैं और साहूकार न केवल अनियंत्रित हैं बल्कि उच्च ब्याज दर भी वसूलते हैं।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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