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यूक्रेन के हालात का भारत ने किया सही आकलन, दबाव में झुका नहीं: रूसी राजदूत

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नई दिल्ली। भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलिपोव ने कहा भारत के साथ द्विपक्षीय कारोबार तमाम दबावों के बाद भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। पश्चिमी देशों की कंपनियों के बाहर जाने से भारतीय कारोबारियों के लिए नए मौके खुले हैं।

अलिपोव ने कहा कि भारत और रूस का कारोबार तमाम दबावों के बाद भी रुकने की बजाय और तेजी से बढ़ रहा है। दोनों देशों ने सफलता के साथ सभी बाधाओं को पार किया है। यूक्रेन युद्ध के चलते भारत पर दबाव था, लेकिन उसके बाद भी हमारा कारोबार जारी रहा।

उन्होंने कहा कि भारत से रूस का आयात आने वाले सालों में और तेजी से बढ़ेगा। खासतौर पर साइंस से जुड़ी चीजों में सहयोग बढ़ने की संभावना है।

अलिपोव ने कहा कि हमारे कारोबारी रिश्ते कैसे हैं, इस बात की जानकारी आंकड़े ही देते हैं। जनवरी से अप्रैल 2022 के दौरान दोनों देशों के बीच कारोबार 6.4 अरब डॉलर का रहा है, जो बीते साल इसी अवधि में हुए बिजनेस की तुलना में दोगुना है।

उन्होंने कहा कि यदि दोनों देशों में कारोबार की यही रफ्तार पूरे साल बनी रहती है तो फिर यह आंकड़ा 19 अरब डॉलर का हो जाएगा। अलिपोव ने रूसी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक से बातचीत में यह बात कही।

रूसी राजदूत ने कहा कि भारत के साथ हमारा बिजनेस कॉम्युनिकेशन, डायमंड प्रोसेसिंग, वानिकी, हेल्थकेयर और फार्मा, टूरिज्म, रेलवे, रोड, सिविल एविएशन और ऑइल रिफाइनरी के सेक्टर में बढ़ रहा है। भारत के साथ सैन्य सहयोग और सैन्य तकनीक के मामले में भी कारोबार बढ़ा है।

यूक्रेन के हालात का भारत ने किया सही आकलन

अलिपोव ने भारत का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उसने यूक्रेन के हालातों का सही आकलन किया। इसके अलावा उसने पश्चिमी देशों की उस मुहिम का भी समर्थन नहीं किया, जिसमें रूस को दुनिया से अलग-थलग करने की बातें की गई थीं।

उन्होंने कहा कि भारत ने इस बात को समझा कि कैसे पश्चिमी देशों के प्रतिबंध दुनिया भर में खाद्य संकट और ऊर्जा का संकट पैदा कर सकते हैं। अलिपोव ने कहा कि भारत ने यूक्रेन संकट को लेकर वेस्ट के इंटरनेशनल एजेंडे को रोकने में हमारी मदद की।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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