ओटावा। कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने कल बुधवार को ओंटारियो के रिचमंड हिल शहर में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा को निशाना बनाए जाने का विरोध किया है।इंडियन एंबेसी ने एक ट्वीट में कहा भारतीय समुदाय को आतंकित करने की कोशिश करने वाले इस घृणित अपराध से भारत को गहरा दुख हुआ है।
इससे यहां के भारतीय समुदाय में चिंता और असुरक्षा बढ़ गई है। उच्चायोग ने कहा कि हमने जांच करने और अपराधियों को तेजी से सजा दिलाने के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया है।
We are deeply anguished by this hate crime that seeks to terrorize the Indian community. It has led to increased concern and insecurity in the Indian community here. We have approached the Canadian government to investigate and ensure perpetrators are brought to justice swiftly. https://t.co/wDe3BUpEWi
— India in Canada (@HCI_Ottawa) July 13, 2022
सीबीसी की एक समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि महात्मा गांधी की पांच मीटर ऊंची प्रतिमा को विष्णु मंदिर में विरूपित किया गया था। पुलिस ने कहा कि वे इसे “घृणित और पूर्वाग्रह से प्रेरित घटना” मानते हैं।
सीबीसी रिपोर्ट में यॉर्क रीजनल पुलिस के प्रवक्ता एमी बौद्रेउ के हवाले से कहा जो लोग जाति, राष्ट्रीय या जातीय मूल, भाषा, रंग, धर्म, उम्र, लिंग, लिंग पहचान, लिंग अभिव्यक्ति और इस तरह के आधार पर दूसरों को पीड़ित करते हैं उन पर कानून की पूरी सीमा तक मुकदमा चलाया जाएगा। यॉर्क क्षेत्रीय पुलिस किसी भी रूप में घृणित अपराध को बर्दाश्त नहीं करती है। प्रतिमा करीब 30 साल पुरानी बताई जा रही है।
टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूतावास के कार्यालय ने ट्वीट कर कहा हम रिचमंड हिल में विष्णु मंदिर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के अपमान से व्यथित हैं। बर्बरता के इस आपराधिक, घृणित कृत्य ने कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को बहुत आहत किया है।
हम इस घृणा अपराध की जांच के लिए कनाडा के अधिकारियों के संपर्क में हैं। हम मानते हैं कि घृणित अपराधों का समुदाय-व्यापी प्रभाव दूरगामी है और हम घृणा अपराधों और किसी भी घृणा पूर्वाग्रह की घटनाओं की सभी घटनाओं की सख्ती से जांच करते हैं।