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जुर्म

2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश, आतंकियों के दस्तावेज से खुलासा

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पटना। बिहार की राजधानी पटना में पीएफआई की आड़ में बड़े आतंकी ट्रेनिंग सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने छापेमारी में दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं।

इनमें पीएफआई की साल 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश का भी खुलासा हुआ है। इसके लिए मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने, धार्मिक उन्माद फैलाने और हिंसा भड़काने की ट्रेनिंग दी जा रही थी।

पटना पुलिस ने बताया कि खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर फुलवारीशरीफ इलाके के नया टोला में स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दफ्तर में 11 जुलाई को छापेमारी की गई।

इस दौरान वहां से कई संदिग्ध दस्तावेज और आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। इसमें पीएफआई के मिशन-2047 से जुड़ा एक गोपनीय दस्तावेज भी मिला है। इसमें भारत को अगले 25 सालों में इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश का जिक्र है।

पुलिस ने मौके से दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इसमें से एक का नाम मोहम्मद जलालुद्दीन है और दूसरे का अतहर परवेज है। जलालुद्दीन झारखंड पुलिस में दारोगा रह चुका है और हाल ही में रिटायर हुआ था।

वहीं, अतहर परवेज प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का सक्रिय सदस्य रह चुका है। उसका भाई बम ब्लास्ट के एक केस में जेल जा चुका है। अतहर खुद भी एक मामले में जमानत पर चल रहा है।

पटना पुलिस के मुताबिक ये दोनों मार्शल आर्ट की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग दे रहे थे। इनके पास से PFI-SDPI का गुप्त दस्तावेज ‘मिशन 2047’ मिला है जिसमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बात कही गई है।

पुलिस ने बताया कि इन दोनों से ट्रेनिंग लेने के लिए पिछले दो महीने से दूसरे राज्यों के लोग आ रहे थे। आने वाले लोग टिकट बुक करते समय और होटलों में ठहरते समय अपना नाम बदल रहे थे।

मार्शल आर्ट के नाम पर दे रहे थे आतंकी ट्रेनिंग

एसएसपी के मुताबिक आरोपियों ने 6-7 जुलाई को स्थानीय लोगों को मार्शल आर्ट के नाम पर तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल करना सिखाया। उन्होंने कम उम्र के युवाओं को धार्मिक हिंसा के लिए उकसाया।

एसएसपी ने कहा कि हमारे पास सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ गवाहों के खाते भी हैं। परवेज ने आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के लिए लाखों रुपये चंदा जुटाया।

आतंकियों के दस्तावेज में बहुसंख्यक समुदाय को बताया कायर

एसएसपी ने बताया कि ‘इंडिया विजन 2047’ शीर्षक से साझा किए गए 8-पृष्ठ लंबे दस्तावेज का एक अंश कहता है, ‘पीएफआई को विश्वास है कि भले ही कुल मुस्लिम आबादी का 10 फीसदी इसके पीछे हो, लेकिन PFI कायर बहुसंख्यक समुदाय को वश में करेगा और गौरव वापस लाएगा।

बताया जा रहा है कि दोनों गिरफ्तार आरोपी देश के विभिन्न हिस्सों में घूम-घूमकर अशिक्षित एवं गुमराह युवकों को आतंकी प्रशिक्षण देने का काम किया करते थे।

कई हिंसक घटनाओं में आ चुका है पीएफआई का नाम

आतंकी संगठन सिमी के प्रतिबंधित होने के बाद इंडियन मुजाहिद्दीन का गठन किया गया था। 2013 में आतंकी यासीन भटकल की गिरफ्तारी से इंडियन मुजाहिद्दीन की कमर टूट गई थी।

सूत्रों के मुताबिक इंडियन मुजाहिद्दीन के पतन के बाद देश के विभिन्न राज्यों में पीएफआई और उसकी सहयोगी संस्था सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया को मजबूत करने का काम किया जा रहा है।

केरल की दो और कर्नाटक की एक संस्था को मिलाकर पीएफआई का गठन किया गया था। बीते कुछ महीनों में हुई कई सांप्रदायिक हिंसाओं में पीएफआई का नाम आ चुका है। इसकी जांच जारी है। पीएफआई को अभी तक देश में प्रतिबंधित नहीं किया गया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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