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बिजनेस

इस आइसक्रीम कंपनी ने बढ़ाई जेब की गर्मी, निवेशकों को दिया छप्परफाड़ रिटर्न

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मुंबई। कोविड-19, फिर रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से शेयर बाजार के इस मुश्किल दौर में भी कुछ स्टाक ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसी लिस्ट में Vadilal Industries के शेयर भी शामिल हैं। इस स्माल कैप कंपनी के शेयरों ने बीते एक साल में छप्परफाड़ रिटर्न दिया है। बीते 6 महीने में इसके एक शेयर की कीमत 880 रुपये से बढ़कर 2112.20 रुपये हो गई है। कंपनी 115 साल पुरानी है।

कैसा रहा Vadilal Industries के शेयर का प्रदर्शन?

बीते 3 साल के प्रदर्शन की बात करें तो कंपनी के शेयर का भाव 493 रुपये से बढ़कर 2112.20 रुपये के लेवल पर पहुंच गया। यानी कंपनी के शेयरों की कीमतों में 328.39% की उछाल देखने को मिली है।

बीते एक साल की अगर बात करें तो कंपनी के शेयर का भाव 1026 रुपये से बढ़कर 2112.20 रुपये के लेवल पर पहुंच गया। यानी, इस दौरान शेयर का भाव दोगुना हो गया। 18 जुलाई 2022 को कंपनी के शेयर का भाव 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।

वहीं, 25 जनवरी 2022 को यह स्टाक 52 सप्ताह के न्यूनतम स्तर 823.80 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। तब से अबतक Vadilal Industries के शेयरों में 156.64% की उछाल देखने को मिली है।

एक लाख रुपये के निवेश पर मिला कितना रिटर्न?

जिस किसी ने 6 महीने पहले एक लाख रुपये का दांव खेला होगा तो उसका रिटर्न बढ़कर 2.40 लाख रुपये हो गया होगा। वहीं, एक साल पहले जिसने Vadilal Industries के शेयरों पर भरोसा जताया होगा उसके एक लाख रुपये रिटर्न अब बढ़कर 2.05 लाख रुपये हो गया होगा। बता दें, इस कंपनी की स्थापना 1907 में हुई थी। Vadilal Industries का मार्केट कैप 1518.50 करोड़ रुपये का है।

क्या और कहां व्यापार करती है कंपनी

कंपनी आइसक्रीम, फ्रोजन डेजर्ट, प्रोसेस्ड फूड के साथ अन्य डेरी उत्पाद बनाती है। मौजदा समय में कंपनी 45 देशों में कारोबार करती है। इन देशों में साउथ अमेरिका, यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया माहदीप के देश शामिल हैं।

डिस्‍क्‍लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, निवेश की सलाह नहीं। निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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