लंदन। इंग्लैंड के बर्मिंघम में आज की शुरुआत हो रही है। भारतीय समयानुसार रात 11:30 बजे भव्य उद्घाटन समारोह के साथ इस इवेंट की शुरुआत होगी। यह खेल आठ अगस्त तक आयोजित किए जाएंगे। राष्ट्रमंडल खेल 2022 में 283 अलग-अलग मेडल इवेंट शामिल हैं। इस साल राष्ट्रमंडल खेलों में 72 टीमें हिस्सा ले रही हैं। इन खेलों के लिए लगभग 6,500 एथलीट और सपोर्ट स्टाफ बर्मिंघम पहुंचे हैं। राष्ट्रमंडल खेल में पहली बार महिला टी-20 किक्रेट को शामिल किया गया है।
1930 में शुरु हुए राष्ट्रमंडल खेलों का यह 22वां संस्करण है। पहला कॉमनवेल्थ गेम्स 1930 में कनाडा के शहर हैमिलटन में हुआ था। 1930 में 11 देशों के लगभग 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। एथलीट्स ने तब छह खेलों के 59 इवेंट्स में अपना दमखम दिखाया था। 1930 के बाद से हर चार साल पर इसका आयोजन होता रहा है।
हालांकि, द्वितीय विश्व-युद्ध के कारण 1942 और 1946 में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन नहीं हो सका था। भारत 18वीं बार इन खेलों का हिस्सा बन रहा है। भारत ने अब तक इन खेलों में 181 स्वर्ण, 173 रजत और 149 कांस्य पदक जीते हैं।
भारत 2002 मैनचेस्टर खेलों से लगातार हर राष्ट्रमंडल खेलों में पदक हासिल करने के मामले में शीर्ष पांच देशों में शामिल रहा है। इस दौरान बीस वर्षों में उसने 131 स्वर्ण सहित 350 पदक जीते हैं। इस सदी में भारत की सफलता में बड़ा योगदान निशानेबाजों का रहा है। इस बार इन खेलों में निशानेबाजी शामिल नहीं है, ऐसे में शीर्ष पांच में आना भारत के लिए बड़ी चुनौती होगी।
इंग्लैंड तीसरी बार मेजबान
एलेक्जेंडर स्टेडियम में आज होने वाले उद्घाटन समारोह के साथ 11 दिन चलने वाले इन खेलों का शुभारंभ होगा। इंग्लैंड पिछले 20 वर्षों में तीसरी बार इन खेलों का आयोजन कर रहा है। राष्ट्रमंडल खेलों में आबादी के लिहाज से सबसे बड़े देश भारत के लिए ये खेल पदक बटोरने के लिहाज से काफी लाभप्रद साबित होते आ रहे हैं।
महिला वर्ग में 136 तो पुरुष वर्ग में 134 स्वर्ण दांव पर
इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में कुछ नया होगा। पहली बार ऐसे किसी आयोजनों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक स्वर्ण पदक मिलेंगे। इस बार 11 दिन तक चलने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं को 136 स्वर्ण पदक, जबकि पुरुषों को 134 स्वर्ण पदक मिलेंगे। मिश्रित स्पर्धाओं में कुल 10 स्वर्ण पदक दांव पर लगे होंगे।
इस तरह की कई खेल वाली प्रतियोगिता में पहली बार ऐसा होगा कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक स्वर्ण पदक हासिल करने का मौका मिलेगा। इस बार राष्ट्रमंडल खेलों का आकर्षण महिला क्रिकेट भी होगा, जिसे पहली बार इन खेलों में शामिल किया गया है।
क्रिकेट में विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। भारत भी दावेदारों में शामिल है। भारतीय टीम पिछले टी-20 विश्व कप में उपविजेता रही थी।
कॉमनवेल्थ गेम्स के कई बार नाम बदले
1930 से 1950 तक इन खेलों को ब्रिटिश एम्पायर गेम्स कहा जाता था। 1954 से 1966 तक ब्रिटिश एम्पायर एंड कॉमनवेल्थ गेम्स कहा गया। 1970 और 1974 में इसका नाम बदलकर ब्रिटिश कॉमनवेल्थ गेम्स किया गया। 1978 में जाकर इन खेलों का नाम राष्ट्रमंडल खेल यानी कॉमनवेल्थ गेम्स पड़ा। तब से लेकर आज तक यह इसी नाम से जाना जाता रहा है।