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जुर्म

असम में अल-कायदा के टेरर माडूयल का भंडाफोड़, मदरसा शिक्षक सहित 11 गिरफ्तार

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गुवाहाटी। पूर्वोत्तर राज्य असम में भारतीय उप-महाद्वीप में अल-कायदा (Al-Qaeda In Indian Sub-continent) और बांग्लादेश स्थित अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) सहित वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ संबंधों के लिए 11 लोगों को गिरफ्तार गया है। इनमें से एक मदरसा शिक्षक भी है।

जिहादी माड्यूल से जुड़े सभी लोग गिरफ्तार

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में ‘जिहादी माड्यूल’ पर सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि इन गिरफ्तारियों से बहुत सारी जानकारी मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘कल से आज तक, हमने असम के बारपेटा और मोरीगांव जिलों में दो जिहादी माड्यूल पकड़े हैं और जिहादी माड्यूल से जुड़े सभी लोगों को गिरफ्तार किया है। राष्ट्रीय पुलिस एजेंसियों के साथ यह समन्वित कार्रवाई एक समन्वित प्रयास था और हमें इन गिरफ्तारियों से बहुत अधिक जानकारी मिलेगी।’

असम पुलिस ने मोरीगांव से मुस्तफा नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। इस शख्स पर आरोप है कि वो मदरसे की आड़ में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता था। इसके अलावा बोंगाईगांव से भी एक गिरफ्तारी हुई है।

ये आतंकी भी हुए गिरफ्तार

गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में जुबैर खान (25), रफीकुल इस्लाम (27), दीवान हमीदुल इस्लाम (20), मोइनुल हक (42), काजीबुर हुसैन (37), मुजीबौर रहमान (50), शाहनूर असलम और सहजन अली (34) हैं।

एक्यूआईएस और एबीटी से संबंध

वी एंड एसी निदेशक और चीफ एंटी-राइनो पोचिंग टास्क फोर्स जीपी सिंह के अनुसार यह सभी संदिग्ध आरोपी इस्लामी कट्टरवाद से जुड़े हैं, जिनका संबंध वैश्विक आतंकी संगठनों जैसे एक्यूआईएस और एबीटी से है। उनका कहना है कि मामले में आगे की कार्रवाई कानून के अनुसार की जा रही है।

पुलिस से मिल रही जानकारी के अनुसार मोरीगांव जिले के सहरिया गांव का रहने वाला आरोपी मुस्तफा उर्फ ​​मुफ्ती मुस्तफा भारत में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) मॉड्यूल की जरूरी कड़ी है, जो मॉड्यूल के लिए फाइनेंशियल हैल्प मुहैया कराता था। मुस्तफा सहरियागांव में जमीउल हुडा मदरसा के नाम से मदरसा चलाते हैं। फिलहाल जमीउल हुदा मदरसे को पुलिस ने सील कर दिया है।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद

पुलिस के अनुसार हिरासत में लिए गए लोगों के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त हुए हैं।इनके लिंक का पता लगाने के लिए आगे जांच की जा रही है।

मोरीगांव की एसपी अपर्णा एन के मुताबिक ‘हमें मुस्तफा नाम के एक व्यक्ति के बारे में जानकारी मिली, जो मोरियाबारी में एक मदरसा चलाता है जहां देश विरोधी गतिविधियां होती हैं। वो उप-महाद्वीप में अल-कायदा से संबंधित ABT के वित्तपोषण से जुड़ा हुआ है। UAPA की अनेक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।’

बारपेटा पुलिस स्टेशन में धारा 17/18/18(बी)/19/20 यूए(पी) 1967 अधिनियम के साथ धारा 120(बी)/121/121(ए) के तहत मामला (संख्या 763/22) दर्ज किया गया है। लिंक और नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच और संचालन किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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