भोपाल। मप्र के पंचायत चुनावों में भाजपा को बड़ी जीत मिली है। 51 में से 41 जिलों में उसने अपने अध्यक्ष बनने का दावा किया है। वहीं, कांग्रेस को दस जिलों में जीत मिलने की बात कही जा रही है। भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भाजपा नेताओं और पुलिस के साथ झड़प हुई। भोपाल में भी भाजपा ने अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है।
कांग्रेस ने राजगढ़, सिंगरौली, झाबुआ, देवास, डिंडौरी, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, दमोह, बालाघाट में अपनी पार्टी के समर्थक के अध्यक्ष का पद जीतने का दावा किया है। कांग्रेस ने रतलाम में भी कांग्रेस प्रत्याशी के जीतने का दावा किया था, लेकिन बाद में तीन वोट रद्द कर दिए गए। इसे लेकर कांग्रेस अपील में चली गई।
धार और उमरिया में बीजेपी और कांग्रेस को बराबर वोट मिले थे। ड्रा में कांग्रेस प्रत्याशी हार गए। भाजपा ने कटनी, मंदसौर, दतिया, मुरैना, नरसिंहपुर, शहडोल, सागर, ग्वालियर, गुना, भिंड, शिवपुरी, बुरहानपुर, शाजापुर, मंडला, रायसेन, सीहोर, पन्ना, टीकमगढ़, रीवा, बड़वानी, निवाड़ी, विदिशा, सतना, उज्जैन, आगर, बैतूल, अशोकनगर, धार, खरगोन, उमरिया, खंडवा, इंदौर, नीमच, सिवनी, श्योपुर, छतरपुर और हरदा में अपनी पार्टी के समर्थक के जीतने का दावा किया है।
51 जिलों में चुने गए जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
51 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने बताया कि सीधी जिले में एक जिला पंचायत वार्ड का परिणाम उच्च न्यायालय द्वारा स्थगित करने के कारण वहां पर अभी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन नहीं होगा।
बीजेपी ने किया प्रशासन का दुरुपयोग
कांग्रेस ने कहा कि भोपाल, रतलाम, हरदा और सीहोर में भोपाल ने सत्ता और प्रशासन का दुरुपयोग किया। भोपाल में भाजपा के पास सिर्फ दो वोट थे। कांग्रेस के पास बहुमत होने के बावजूद मंत्रियों के संरक्षण में सदस्यों का अपहरण किया और लूट तंत्र से भाजपा जीती। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग में शिकायत की बात कही है।
वहीं, ग्वालियर, श्योपुर में कांग्रेस के प्रमुख नेता अशोक सिंह और रामनिवास रावत को एक दिन पहले ही पुलिस के थाने में बैठाने का आरोप लगाया है। रतलाम में कांग्रेस प्रत्याशी के जीतने पर 3 वोट रद्द करने के आरोप लगाए है।