अन्तर्राष्ट्रीय
काबुल की एक मस्जिद में जोरदार बम धमाका, 30 की मौत; 40 से अधिक घायल
काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल की एक मस्जिद में हुए बम धमाके में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक इस ब्लास्ट में 40 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। उत्तरी काबुल की मस्जिद में धमाका तब हुआ जब लोग शाम कि इबादत के लिए इकट्ठा हुए थे।
काबुल पुलिस के प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया, मस्जिद के अंदर धमाका हुआ। इसमें बहुत सारे लोग मारे गए हैं लेकिन सही संख्या अभी नहीं बताई जा सकती। धमाका बहुत ही जोरदार था। मस्जिद के आसपास के घरों के शीशे भी धमाके की वजह से टूट गए।
तालिबान के खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। मरने वालों में मस्जिद के इमाम भी शामिल हैं। काबुल के इमरजेंसी अस्पताल की तरफ से बताया गया कि 27 लोग घायल हो गए हैं और उनका इलाज चल रहा है। इसमें एक सात साल का बच्चा भी है।
घटना के तुरंत बाद मौके पर सुरक्षाकर्मी और ऐंबुलेंस पहुंच गई। बता दें कि यह हमला तब हुआ है जब तालिबान अपना विजय सप्ताह बना रहा है। 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था।
पिछले सप्ताह एक मदरसे में मौलवी की भी हत्या कर दी गई थी। वह मौलवी आईएस को लेकर काफी आक्रामक भाषण दिया करता था। गुरुवार को मदरसे में आत्मघाती हमले में वह मारा गया। जिहादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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