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उत्तर प्रदेश

माफिया मुख्तार अंसारी पर ईडी का बड़ा एक्शन, कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी

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लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके गाजीपुर, लखनऊ और दिल्ली समेत कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। ईडी ने मुख्तार के भाई सांसद अफजाल अंसारी तीन करीबियों के घर आज गुरुवार की सुबह छापेमारी की। ईडी का एक्शन अभी जारी है।  माफिया मुख्तार अंसारी और उनके करीबी लोगो के दिल्ली, लखनऊ व गाजीपुर समेत कई ठिकानों पर ईडी के अफसर पहुंचे हैं।

जांच एजेंसी ने मुख्तार के गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद स्थित घर पर भी छापेमारी की है। इसके अलावा ईडी की टीम ने मिश्रबाजार स्थित आभूषण व्यवसायी विक्रम अग्रहरी, खान ट्रेवल्स संचालक टाउन हाल के सराय गली निवासी मुस्ताक खां, रौजा स्थित व्यवसायी गणेश दत्त मिश्रा और गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी के मुहम्मदाबाद स्थित फाटक आवास पर छापेमारी की है। इस दौरान मकान के प्रमुख दरवाजे से लेकर सड़क तक सीआरपीएफ का कड़ा पहरा है। इस छापेमारी से हडकंप मचा हुआ है।

मनी लांड्रिंग में मुख्तार पर ईडी दर्ज कर चुकी केस

बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी पर ईडी ने एक जुलाई 2021 को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। आरोप है कि मुख्तार ने एक सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया और फिर उसे सात साल के लिए 1.7 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से एक प्राइवेट कंपनी को किराए पर दे दिया।

इस कंपनी से मुख्तार के भाइयों और बेटे का भी संबंध होने को आरोप था। मामला सामने आने के बाद ईडी ने इस मामले में माफिया मुख्तार अंसारी, उनके भाई सांसद अफजाल अंसारी समेत कई अन्य को आरोपी बनाया गया है।

जिसमें भ्रष्टाचार और विधायक निधि गबन और आय से अधिक संपत्ति को लेकर दर्ज मुकदमों को आधार बनाते हुए ईडी ने केस दर्ज किया है। इस मामले में नौ मई को सांसद अफजाल अंसारी को तलब कर ईडी की प्रयागराज टीम ने पूछताछ की थी। टीम ने 10 घंटे से अधिक समय तक अफजाल से पूछताछ कर बयान दर्ज किया था।

ईडी ने परिवार की संपत्ति का भी ब्योरा मांगा

बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी समेत पूरे परिवार, रिश्तेदार और करीबियों की राजधानी में संपत्तियां खंगाली जा रही हैं। मुख्तार अंसारी, भाई अफजाल अंसारी, मुख्तार की पत्नी आफशां, बेटे अब्बास, उमर के साथ ही अतीफ रजा पुत्र जमशेद रजा और उनके सहयोगियों, करीबियों का ब्योरा ईडी ने मांगा है। मुख्तार के सात बैंक खाते, अफजाल के 3 बैंक खातों को भी ईडी ने पहले ही खंगाला है।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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