नेशनल
राजीव गांधी जयंती: राहुल-प्रियंका ने किया पिता को याद, ट्वीट में लिखी यह भावुक बात
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को अपने पिता और भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के 78वीं जयंती पर नई दिल्ली स्थित अनकी समाधि ‘वीर भूमि’ पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके साथ राबर्ट वाड्रा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, और सांसद केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे।
राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,”पापा, आप हर पल मेरे साथ, मेरे दिल में हैं। मैं हमेशा प्रयास करूंगा कि देश के लिए जो सपना आपने देखा, उसे पूरा कर सकूँ”।
पापा, आप हर पल मेरे साथ, मेरे दिल में हैं। मैं हमेशा प्रयास करूंगा कि देश के लिए जो सपना आपने देखा, उसे पूरा कर सकूं। pic.twitter.com/578m1vY2tT
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 20, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने लिखा, ”हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि।”
On his birth anniversary, tributes to our former Prime Minister Shri Rajiv Gandhi.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 20, 2022
पूर्व पीएम की विरासत को याद करते हुए, कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा, “हम भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी को उनकी जयंती पर याद करते हैं। ’21वीं सदी के भारत के वास्तुकार’ के रूप में सम्मानित, यह उनकी दूरदर्शिता के माध्यम से था जिसने भारत में आईटी और दूरसंचार क्रांति की शुरुआत की।
We fondly remember former Prime Minister of India, Rajiv Gandhi, on his birth anniversary. Hailed as the "architect of 21st century India", it was through his farsighted vision that ushered in the IT & telecom revolution in India. Today, we celebrate his legacy. pic.twitter.com/yO11wjicap
— Congress (@INCIndia) August 20, 2022
पार्टी के महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने राजीव गांधी के कार्यकाल की उपलब्धियाँ याद दिलाते हुए लिखा, राजीव गांधी ने सूचना क्रांति की बुनियाद रखी, जिसने भारत को पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने देश को कंप्यूटर, दूरसंचार और सॉफ्टवेयर विकास के युग में प्रवेश कराया।
इसके साथ ही पंचायतों और नगर पालिकाओं को महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण के साथ संवैधानिक दर्जा दिलाने का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व किया। 18 साल की उम्र में युवाओं को वोट देने का अधिकार भी दिया। इसके अलावा हर जिले में नवोदय विद्यालय का एक नेटवर्क भी दिया।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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