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खादी उत्सव में शामिल होंगे PM, 7500 महिलाएं एक साथ चरखा चलाकर रचेंगी इतिहास

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अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 27 अगस्त को अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट में आयोजित होने वाले अनूठे कार्यक्रम ‘खादी उत्सव’ में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री ने खादी को बढ़ावा देने का निरंतर प्रयास किया है और इसी वजह से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में खादी का दायरा बढ़ा है।

कार्यक्रम में गुजरात के विभिन्न जिलों, विशेषकर सुरेन्द्रनगर, अमरेली और राजकोट से आईं 7500 महिला खादी कारीगर एक ही समय पर एक साथ चरखा चलाते नजर आएंगी। 7500 महिला कारीगरों द्वारा एक साथ चरखा चलाकर सूत कातने का आयोजन दुनिया में पहली बार हो रहा है।

इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए महिलाएं सफेद साड़ी के ऊपर अंगवस्त्रम के रूप में तिरंगे की पट्टी धारण करेंगी। कार्यक्रम स्थल पर 75 रावणहथ्था (प्राचीन वाद्य) के कलाकारों द्वारा प्रधानमंत्री का स्वागत किया जाएगा। माननीय प्रधानमंत्री स्थल पर उपस्थित खादी कारीगरों के साथ वार्तालाप भी करेंगे और उनके साथ बैठकर चरखा चलाएंगे।

खादी की बिक्री में हुई 245 फीसदी की अभूतपूर्व वृद्धि

देश में खादी के उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अनुसार खादी के उत्पादन में 172 फीसदी की वृद्धि हुई है और वर्ष 2014 से खादी की बिक्री में 245 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में 1920 के दशक से अब तक इस्तेमाल में लाए गए विभिन्न पीढ़ियों के 22 चरखों को प्रदर्शित करने वाली ‘चरखा विकास’ प्रदर्शनी भी होगी।

चरखा विकास में ‘यरवदा चरखा’ के साथ-साथ अन्य चरखे भी शामिल होंगे, जिसमें भारत के स्वाधीनता संग्राम आंदोलन से लेकर मौजूदा समय में इस्तेमाल किए जाने वाले नवीनतम तकनीक वाले चरखे यहां प्रदर्शित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस ‘चरखा विकास’ प्रदर्शनी का दौरा करेंगे।

गंगा जितना ही पवित्र है पोंडुरू खादी

महात्मा गांधी ने ‘यंग इंडिया’ अखबार में पोंडुरू खादी के बारे में लिखते हुए उसे गंगा से भी अधिक पवित्र करार दिया था। उल्लेखनीय है कि पोंडुरू खादी का संबंध आंध्र प्रदेश के पोंडुरू गांव से है, जहां वर्तमान में लगभग 1200 लोग खादी बुनाई के कार्य जुड़े हैं।

ये कारीगर प्रधानमंत्री के समक्ष पोंडुरू खादी के उत्पादन का प्रदर्शन करेंगे। पोंडुरू खादी की विशेषता यह है कि इसमें कपास चुनने से लेकर खादी का कपड़ा बनाने तक की सारी प्रक्रिया हाथ से ही की जाती है।

खादी के साथ जुड़ा भारत का वर्तमान और इतिहास

खादी को ‘खद्दर’ के नाम से भी जाना जाता है और यह ग्रामीण भारत के लिए आजीविका का एक अहम जरिया है। खादी की कताई और बुनाई ने भारत के नागरिकों को ज्यादा आत्मनिर्भर बनाकर ब्रिटिश साम्राज्य को उखाड़ फेंकने में मुख्य भूमिका अदा की है।

गांधी जी की ‘विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार’ की नीति ने आजादी हासिल करने में नींव के पत्थर की भूमिका निभाई है, इसीलिए उन्होंने रणनीतिक रूप से चरखे को इसके लिए एक उपकरण के रूप में अपनाया।

मौजूदा समय में इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश की नई पीढ़ी को खादी से अवगत कराना और उसका उपयोग बढ़ाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के मंत्र ‘खादी फॉर फैशन, खादी फॉर नेशन और खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन’ को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।

कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री और राज्य के कुटीर उद्योग मंत्री भी अपने विचार व्यक्त करेंगे। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री गुजरात राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के नए कार्यालय भवन का ई-उद्घाटन करेंगे।

इस अवसर पर खादी पर एक वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें खादी के परंपरागत फैब्रिक से लेकर आज के फैशन स्टेटमेंट तक की प्रगति, खादी के जरिए महिला सशक्तिकरण, भारत की अर्थव्यवस्था में खादी के महत्व और प्रधानमंत्री द्वारा खादी के विकास में निरंतर दिए जा रहे प्रोत्साहनों को दर्शाया जाएगा।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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