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बिजनेस

भारत के गेहूं उत्पादन में 1,000 फीसद की वृद्धि, विश्व में अब दूसरे स्थान पर

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नई दिल्ली। भारत के गेहूं उत्पादन में लगभग 1,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि पिछले 6 दशकों में हुई है। 1960 की हरित क्रांति के बाद यह रिकॉर्ड उत्पादन है। देश का कुल गेहूं उत्पादन 1960 के दशक की शुरुआत में 98.5 लाख टन से बढ़कर 2021-22 में 1,068.4 लाख टन हो गया है।

केंद्र ने बुधवार को एक डेटा चार्ट के माध्यम से यह जानकारी सार्वजनिक की। भारत अब विश्व में गेहूं उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। 2021-22 में ही भारत ने रिकॉर्ड 70 लाख टन खाद्यान्न का निर्यात किया है।

खाद्यान्नों की कुल उपज की बात करें तो 1960 के दशक से भारत की प्रति हेक्टेयर उपज में तीन गुना वृद्धि हुई है। 1960 के मध्य में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 757 किलोग्राम से बढ़कर 2021 में 2.39 टन हो गया। बताया गया है कि ‘हरित क्रांति’ ने भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया और कृषि उत्पादकता में वृद्धि की।

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से 17 अगस्त को जारी की गई जानकारी के मुताबिक, 2021-22 सीजन के दौरान भारत में कुल खाद्यान्न का उत्पादन रिकॉर्ड 315.72 मिलियन टन होने का अनुमान है। प्रमुख कृषि उत्पादन के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2020-21 के दौरान कटाई की तुलना में 4.98 मिलियन टन की वृद्धि है।

इन फसलों का बंपर उत्पादन

2021-22 में उत्पादन पिछले पांच वर्षों (2016-17 से 2020-21) के औसत उत्पादन की तुलना में 25 मिलियन टन अधिक होने का अनुमान है। फसलों में, चावल, मक्का, चना, दलहन, रेपसीड और सरसों, तिलहन और गन्ना के लिए रिकॉर्ड फसल की उम्मीद है।

2021-22 के दौरान गेहूं का उत्पादन 106.84 मिलियन टन होने का अनुमान है। यह पिछले पांच वर्षों के औसत गेहूं उत्पादन 103.88 मिलियन टन से 2.96 मिलियन टन अधिक है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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