Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

दिल्ली के कॉलेज में वेतन कटौती का मुद्दा: भाजपा ने बताया ‘रेवड़ी मॉडल’ जिम्मेदार

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में ‘वेतन में कटौती’ का मुद्दा गरमाता जा रहा है। कॉलेज का नोटिस मीडिया में सामने आने के बाद से भाजपा केजरीवाल सरकार पर हमलावर है और इसके लिए दिल्ली सरकार के ‘रेवड़ी मॉडल’ को जिम्मेदार बता रही है।

अब दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (डूटा) के पूर्व अध्यक्ष राजीब रे ने दावा किया है कि यह स्थिति 12 कॉलेजों में और 4 साल से फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

रे ने कहा, ”फंड के अभाव में वेतन में देरी हो रही है। दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज समेत 12 कॉलेजों में पिछले 4 साल से शिक्षकों के वेतन में कटौती हो रही है या देरी से पेमेंट हो रहा है। एक साल में हमने 4-6 बार प्रदर्शन किया है। मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है। नॉन-टीजिंग स्टाफ को भी दिक्कत हो रही है।”

गौरतलब है कि मीडिया में दिल्ली यूनिवर्सिटी के दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज का एक नोटिस आया है, जिसमें असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर की जुलाई की सैलरी में 30 से 50 हजार रुपए तक रोके जाने की बात कही गई है।

पैसों की कमी का हवाला देते हुए इसमें कहा गया है कि फंड आने के बाद रुका हुआ पैसा दिया जाएगा। 1990 में स्थापित हुए डीडीयू की 100 फीसदी फंडिंग दिल्ली सरकार करती है।

बीजेपी केजरीवाल सरकार पर हमलावर

डीडीयू में वेतन का कुछ हिस्सा रोके जाने की खबर सामने आने के बाद से भाजपा ‘आप’ सरकार पर हमलावर है। भाजपा इसे केजरीवाल सरकार के ‘रेवड़ी मॉडल’ का नतीजा बता रही है।

दिल्ली बीजेपी ने ट्वीट किया, ‘प्रचार करने में रेवड़ी बांटने में ‘आप’ ने छोड़ी नहीं कोई कसर। सैलरी के अभाव में शिक्षक कैसे करेंगे गुजर बसर? अब साफ दिखने लगा है ‘आप’ की मुफ्त रेवड़ी नीति का असर।”

एक अन्य ट्वीट में लिखा, ”शिक्षा पर नहीं शराब पर था ध्यान- फिर भी करते रहे AAP दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था का बखान।”

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

Published

on

Loading

प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

Continue Reading

Trending