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उत्तर प्रदेश

राजधानी लखनऊ में कई पार्क और चौराहों के बदले गए नाम, जानिए क्या होंगे नए नाम?

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लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ में कई पार्क और चौराहों के नाम बदल दिए गए हैं। लखनऊ नगर निगम ने शहर के कई पार्कों और चौराहों का नाम बदल दिया है।
जिन चौराहों और पार्कों के नाम बदले गए हैं वो इस प्रकार हैं:-

. अब बर्लिंगटन चौराहा ‘अशोक सिंघल चौराहा’ कहलाएगा।
. सर्वोदय नगर में महापौर के निर्देश पर बने द्वार का नामकरण “स्वतंत्रवीर विनायक दामोदर सावरकर द्वार” किया गया।
. सिकंदराबाद चौराहे का नामकरण वीरांगना उदादेवी वार्ड किया गया।
. मिल एरिया पुलिस चौकी से मीना बेकरी चौराहा का नामकरण इंडियन शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक एवं पूर्व अध्यक्ष मौलाना मिर्जा मोहम्मद अतहर के नाम पर किया गया।
. विराम खण्ड राम भवन चौराहा का नामकरण “अमर शहीद मेजर कमल कालिया चौराहा” किया गया।
. संजय गांधीपुरम चौराहे का नामकरण चन्द्रशेखर आजाद चौराहा किया गया।
. आलमबाग के टेढी पुलिया तिराहे का नामकरण “खालसा चौक” किया गया।
. सरोजनीनगर के आजाद नगर कॉलोनी में पार्क का नाम “मंगल पांडेय पार्क” किया गया।
. राजाजीपुरम स्थित मिनी स्टेडियम का नाम पूर्व विधायक सुरेश श्रीवास्तव स्टेडियम के नाम पर किया गया।
. लालबाग स्थित महाराजा सुहेलदेव राजभर की प्रतिमा के पास के चौराहे के नामकरण सुहेलदेव राजभर तिराहा किया गया।
. निराला नगर लाल कॉलोनी स्थित तिकोनिया पार्क का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर कर पार्क में प्रतिमा स्थापना करने का प्रस्ताव पास किया गया।
. आशियान स्थित एमएमडी1/237 दर्शन सिंह के घर के सामने पार्क का नाम गुरु नानक पार्क किया गया।
.आशियाना स्थित एसएस1/1163 संतोष त्रिपाठी के घर के सामने पार्क का नाम सरदार उधम सिंह किया गया।
. एमएमडी/253 के सामने स्थित पार्क का नामकरण दशमेश पार्क किया गया।
. मोहन भोग चौराहे से कोठारी बंधु तक सड़क का नामकरण कल्याणेश्वर हनुमान मंदिर मार्ग किया गया।
. पिकैडेली होटल कानपुर रोड से आशियाना पावर हाउस तक मार्ग का नामकरण “दिगम्बर जैन मंदिर” किया गया।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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