उत्तर प्रदेश
उप्र: मुजफ्फरनगर-आगरा में शुरू हुई सेना में अग्निवीर रैली भर्ती,लाखों युवा शामिल
अग्निवीर भर्ती 2022: यूपी के गौतमबुद्ध नगर के युवाओं में अग्निवीर बनने के लिए खूब उत्साह देखा जा रहा है। मुजफ्फरनगर और आगरा में आज से होने वाली अग्निवीर भर्ती के लिए सैंकड़ों युवा रवाना हुए। युवाओं का कहना है कि अग्निवीर रिक्रूटमेंट के लिए उन्होंने पंजीकरण करा लिया है उन्हें चयन होने की भी पूरी उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार, मेरठ क्षेत्र के 13 जिलों से अग्निवीर भर्ती के लिए 1 लाख 64 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा आगरा क्षेत्र के 12 जिलों से 1 लाख 75 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं।
20 सिंतबर से 10 तक चलेगी अग्निवीर रैली भर्ती
मेरठ इलाके के 13 जिलों से अग्निवीर भर्ती के लिए 1.64 लाख और आगरा इलाके के 12 जिलों से 1.75 लाख से ज्यादा आवेदन मिले। मुजफ्फनगर और आगरा दोनों जगहों से 20 सिंतबर से 10 अक्टूबर के बीच अग्निवीर भर्ती रैली आयोजित हो रही है।
अग्निवीर भर्ती से सेना में एंट्री
आगरा में आज से सेना में एंट्री के लिए अग्निवीर भर्ती शुरू हो रही है। इस भर्ती में बहुत बड़ी तादाद में युवाओं के हिस्सा लेने की संभावना है। आगरा में सेना की यह भर्ती कीठम स्थित आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज के मैदान में आयोजित की जा रही है। आज से शुरू हो रही यह भर्ती 10 अक्टूबर को समाप्त होगी। इस भर्ती के लिए भारतीय सेना के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन ने खास इंतजाम हैं।
युवा को था इंतजार
सोमवार शाम से मुजफ्फरनगर में युवा का जमघट लगना शुरू हो गया। वहीं गौतमबुद्धनगर के लिए कागजी कार्रवाई आधी रात से शुरू हुई। जेवर और दादरी तहसील से सैंकड़ों की संख्या में युवा अग्निवीर भर्ती में भाग लेने के लिए पहुंचे। लंबे इंतजार के बाद हो रही इस भर्ती के लिए युवा कई महीनों से तैयारी कर रहे हैं।
एडमिट कार्ड ऑनलाइन
सेना भर्ती बोर्ड मेरठ से जुड़े अफसरों के मुताबिक सभी योग्य अभ्यर्थियों को ऑनलाइन एडमिट कार्ड पहले ही जारी किया जा चुका है। स्टूडेंट्स को एडमिट कार्ड में दी गई तारीख और टाइम पर ही भर्ती रैली के लिए उपस्थित होना होगा।
कौन-कौन से डॉक्यूमेंट होंगे जरूरी!
एडमिट कार्ड का प्रिंटआउट लेजर प्रिंट
शैक्षणिक प्रमाण पत्र
मूल निवास प्रमाण पत्र
आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता डिटेल20 फोटो
स्कूल आचरण प्रमाण पत्र
धर्म,आचरण,अविवाहित प्रमाण पत्र
खेल, एनसीसी आदि का प्रमाण पत्र
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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