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नेशनल

वंदे भारत एक्सप्रेस को पीएम ने दिखाई हरी झंडी, है सेमी-हाई स्पीड ट्रेन

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वंदे भारत एक्सप्रेस

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गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर से वंदे भारत एक्सप्रेस के नए और अपग्रेड वर्जन को हरी झंडी दिखाई है। गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर गए पीएम मोदी ने आज अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण का भी उद्घाटन किया है।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी के भारत के लिए अर्बन कनेक्टिविटी और आत्मनिर्भर होते भारत के लिए एक बहुत बड़ा दिन है। बता दें, नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गांधीनगर से मुंबई सेंट्रल के बीच चलाई गई है। इस दौरान पीएम मोदी ने ट्रेन में सवार होकर यात्रा भी की है। उन्होंने ट्रेन में सवार लोगों से बातचीत भी की।

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नई वंदे भारत एक्सप्रेस से आरामदायक और बेहतरीन रेल यात्रा अनुभव के एक नए युग की शुरुआत हुई है। यह ट्रेन सबसे बहुप्रतीक्षित नव निर्मित सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है। अब यह व्यावसायिक रूप से चलाई जा रही है।

यह ट्रेन गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों की राजधानियों को जोड़ते हुए गांधीनगर और मुंबई के बीच चल रही है। पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली–वाराणसी मार्ग पर चलाई गई थी।

यह है ट्रेन की टाइमिंग 

नई वंदे भारत ट्रेन रविवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी। ट्रेन संख्या 20901 मुंबई सेंट्रल से सुबह 6.10 बजे रवाना होगी और दोपहर 12.30 बजे गांधीनगर पहुंचेगी। अधिकारियों ने कहा कि मुंबई के वापसी के लिए यह ट्रेन संख्या 20902 दोपहर 2.05 बजे गांधीनगर से रवाना होगी और रात 8.35 बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी।

160 किलोमीटर प्रति घंटे की है रफ्तार

इस ट्रेन की विशेषताओं के बारे में बात करते हुए पश्चिम रेलवे जोन के सीपीआरओ सुमित ठाकुर ने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस कई बेहतर सुविधाएं प्रदान करती है, जो यात्रियों को यात्रा के अनुभव और उन्नत अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं जैसे विमान प्रदान करेगी। ठाकुर ने कहा कि ट्रेन में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की परिचालन की गति है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक कोच में 32 इंच की स्क्रीन लगी है। इसमें बैठे यात्रियों को सूचना प्रदान करेगी। दिव्यांगों के अनुकूल शौचालय और सीट के हैंडल को ब्रेल अक्षरों में भी उपलब्ध कराया गया है।

सुरक्षा के मानकों का रखा गया विशेष ध्यान

वंदे भारत एक्सप्रेस में कई अपग्रेडेड सुरक्षा उपाय भी शामिल हैं। इन विशेषताओं के बारे में बात करते हुए वंदे भारत एक्सप्रेस के लोको पायलट केके ठाकुर ने कहा कि इस ट्रेन में कोच के बाहर चार प्लेटफॉर्म साइड कैमरे दिए गए हैं, जिसमें रियरव्यू कैमरे भी शामिल हैं। किसी भी आपातकालीन स्थिति में लोको पायलट और ट्रेन गार्ड एक दूसरे के साथ-साथ यात्रियों के साथ भी आसानी से बात कर सकते हैं।

यात्रा को बनाया गया और भी आरामदायक

नई वंदे भारत ट्रेनों में यात्रा को सुरक्षित और अधिक आरामदायक बनाने के लिए रिक्लाइनिंग सीट, स्वचालित फायर सेंसर, सीसीटीवी कैमरे, वाईफाई सुविधा के साथ ऑन-डिमांड सामग्री, तीन घंटे का बैटरी बैकअप और जीपीएस सिस्टम सहित सुविधाओं में सुधार हुआ है। बता दें कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री कपूरथला (Integral Coach Factory, ICF) ने अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण का लक्ष्य रखा है।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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