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आध्यात्म

भक्ति शक्ति की खोज में श्री पंचखण्ड पीठ ने निभाई अग्रणी भूमिका: सीएम योगी

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श्री पंचखण्ड पीठ

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जयपुर। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज जयपुर पहुंचे। सीएम योगी यहां विराटनगर स्थित श्री पंचखण्ड पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेंद्र महराज़ के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी स्वामी सोमेंद्र शर्मा के चादरपोशी कार्यक्रम में पहुंचे हैं। विराटनगर में सीएम योगी का भव्य स्वागत किया गया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा हम सब जानते हैं कि समर्थ गुरु रामदास जी एक अखंड हिंदवी साम्राज्य के लिए छत्रपति शिवाजी जैसा सर्वश्रेष्ठ महान योद्धा देश को दिया था। उसी परंपरा अनुरूप भक्ति शक्ति की खोज के लिए राजस्थान में इस विराटनगर में श्री पंचखण्ड पीठ ने अग्रणी भूमिका निभाई है।

सीएम योगी ने कहा भारत विभाजन के समय विभाजन के विरोध में संतो का जो आंदोलन चला, उसमे भी इस पीठ की अग्रणी भूमिका थी। आचार्य धर्मेंद्र जी महराज़ उस आंदोलन में अग्रणी थे। देश के हित मे नागरिक का क्या दायित्व होना चाहिए,उस आंदोलन में श्री पंच पीठ ने अग्रणी भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा 1966 के गोरक्षा आंदोलन में श्री पंचखण्ड पीठ ने परंपरा निभाई। तब गौशाला के नाम पर एक सीख आचार्य धर्मेंद्र ने दी थी। इसी से गौरक्षा की परंपरा से आमजनमानस आगे जुड़ा।

श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन 1949 से शुरू हुआ,पूरे देश मे विश्व हिंदू परिषद के माध्यम से धार दी गई,लेकिन संतो ने बिना फल की इच्छा के इसे आगे बढ़ाया,आज अयोध्या में वो साकार हो रहा है। अब तक 50 फीसदी से ज्यादा कार्य हो चुका है।

सीएम योगी ने बताया इसके बाद जब आचार्य धर्मेंद्र अयोध्या पधारे तो उनकी खुशी का ठिकाना नही रहा। संतो ने अपने कर्तव्यों का हमेशा पालन किया। सम विषम परिस्थितियों में किसी की परवाह नही की। इसी का परिणाम है कि विराट हिन्दू समाज आज पूज्य आचार्य जी का सम्मान करता है।

सनातन धर्म के प्रति किये गए उनके कार्य उन्हें हमेशा हमारे बीच बनाये रखेगा। आज भले ही वो हमारे बीच नही है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए हर आंदोलन में आचार्य धर्मेंद्र जी ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। गोरक्षपीठ के साथ उनका सम्बंध 3 पीढ़ियों का था, मैं उन्हें गोरक्षपीठ की तरफ से उन्हें नमन करता हूँ।

सीएम योगी ने मुझे प्रसन्नता है कि आचार्य जी की परंपरा को स्वामी सोमेंद्र जी द्वारा निर्वाहन करने के लिए प्रण लिया गया है। स्वामी सोमेंद्र महराज़ आचार्य जी की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। उनके प्रति और श्री पंचपीठ के साथ हमारी सद्भावना है। आप सभी भक्तों, शुभचिंतकों के प्रति अपना आभार प्रकट करता हूँ।

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आध्यात्म

नवरात्रि में करें इस मंत्र का जाप, हर मनोकामना होगी पूरी

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लखनऊ। शक्ति उपासना का पर्व नवरात्र आज से शुरू चुका है। आज से नौ दिन तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाएगी। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए नौ दिनों तक पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं।

एस्ट्रोलॉजर सरिता गुप्ता के मुताबिक, नवरात्रि में नवार्ण मंत्र का जाप किया जाए तो भक्त की हर मनोकामना पूरी होगी। नवार्ण मंत्र मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली मंत्र है, जिसका जाप करने से हर बिगड़ा हुआ काम बन जाएगा और आपको सफलता मिलेगी। नवार्ण मंत्र में नौ ग्रहों को नियंत्रित करने और मां दुर्गा के तीनों रूपों की एक साथ साधना का प्रभाव समाहित है। इसलिए इसे सबसे शक्तिशाली महामंत्र कहा गया है। इस मंत्र का जाप करने से मां भगवती का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।

नवार्ण मंत्र:

नवार्ण मंत्र- ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ की शक्ति अपार है। इसमें मां जगदम्बा की शक्ति समाई हुई है। इसका अनुष्ठान करने वाले साधक की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह सरल है और शीघ्र सिद्ध होता है। इस मंत्र में ‘ऐं’ मां सरस्वती का, ‘ह्रीं’ मां लक्ष्मी या भुवनेश्वरी का तथा ‘क्लीं’ मां काली का प्रतीक है। इन बीज मंत्रों में इन देवियों की शक्तियां समाई हैं। नवार्ण मंत्र की साधना धन-धान्य, सुख-समृद्धि आदि सहित सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। अनुष्ठान यदि बिना विशेष कामना के भी किया जाय तो मां दुर्गा साधक को सभी सुख स्वत: प्रदान कर देती हैं। यदि इसकी मौन एवं दीर्घकालिक साधना की जाय तो वाक्सिद्धि प्राप्त होती है।

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