उत्तर प्रदेश
एएमयू में हिंदू छात्र से तमंचे के बल पर लगवाए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे
अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में एमटेक के हिंदू छात्र का मानसिक उत्पीड़न किया गया है। समुदाय विशेष के छात्र ने तमंचे के बल पर हिंदू छात्र से पाकिस्तान जिंदाबाद नारे लगवाने के साथ हाथ से कलावा भी उतरवाया।
पीड़ित छात्र ने कहा मेरी बहन को भी हिजाब पहनाने की धमकी दी है। आरोपी छात्र हिंदू छात्रा को 1 साल पहले भी सोशल मीडिया पर हिजाब पहनाने की धमकी दे चुका है। विरोध करने पर छात्र के साथ मारपीट की गई। पीड़ित छात्र ने बताया छात्र नेता ने पुलिस में मेरी तहरीर नॉर्मल धाराओं में लिखवाई है।
हाथ से कलावा उतरवाने का भी आरोप
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद बुलंदशहर के गांव कारणवश के रहने वाले छात्र साकेत कुमार एएमयू से एमटेक प्रथम वर्ष के छात्र हैं। छात्र का आरोप है कि एएमयू के सुलेमान हॉल में रहवर नाम के मुस्लिम छात्र ने जबरन नशे की हालत में तमंचे के बल पर मुझसे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगवाए और मेरे हाथ में बंधा हुआ कलावा भी उतरवा दिया।
विरोध करने पर छात्र के साथ की मारपीट
छात्र का आरोप है कि आरोपी छात्र ने मेरी बहन को हिजाब बनाने की भी धमकी दी है। इन तमाम बातों का मेरे द्वारा विरोध किया गया तो मेरे ऊपर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया, जिसमें मेरे सर और बाजू में गंभीर चोट भी आई हैं।
आनन-फानन में साथी छात्रों द्वारा मुझे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। अब स्वस्थ होने के बाद दी गई मेरी तहरीर पर पुलिस ने कहा कि नॉर्मल घटना की तहरीर दे दो यह तहरीर विवादित है। हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोगों के साथ पीड़ित छात्र सिविल लाइंस थाने पहुंचा, पुलिस ने छात्र को कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
आपको बता दें हिंदू छात्र के साथ मारपीट करने वाला यह वही मुस्लिम छात्र है, जिसने लगभग 1 वर्ष पहले एएमयू की एक हिंदू छात्रा को सोशल मीडिया के माध्यम से हिजाब पहनाने की धमकी दी थी। मामला सुर्खियों में आने के बाद किसी छात्र के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही भी की थी।
हिंदू संगठन से जुड़े छात्र नेता अमित गोस्वामी ने बताया है कि एएमयू के एमटेक के छात्र ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि एएमयू के रहबर नाम के छात्र ने तमंचे के बल पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगवाए हैं।
छात्र के हाथ में बंधे कलावे को भी आरोपी मुस्लिम छात्र द्वारा हॉस्टल में बैन कर दिया था। हिंदू छात्र की बहन को जबरन हिजाब पहनाने की धमकी देना यह बहुत ही निंदनीय है। हम लोगों ने अभी पुलिस के अधिकारियों से बात की है। ऐसे व्यक्ति जो कट्टर बनकर हिंदू छात्र-छात्राओं को निशाना बनाता हो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए, उत्तर प्रदेश में योगी और देश में मोदी की सरकार है, कार्यवाही होना तो तय है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
-
मनोरंजन3 days ago
क्या श्वेता तिवारी ने कर ली है तीसरी शादी, जानें इस खबर की सच्चाई
-
नेशनल3 days ago
धीरेन्द्र शास्त्री की एकता यात्रा आज से शुरू, सीएम मोहन यादव और भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव ने भेजी शुभकामनाएं
-
नेशनल3 days ago
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
-
ऑफ़बीट3 days ago
IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर
-
ऑफ़बीट2 days ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
-
खेल-कूद3 days ago
IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट
-
Success Story3 days ago
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
-
नेशनल2 days ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित