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प्रादेशिक

यूपी एटीएस को बड़ी कामयाबी, लखनऊ से अल-कायदा से जुड़े आठ संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार

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लखनऊ। यूपी एटीएस ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से अल-कायदा से जुड़े आठ संदिग्धों आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी संदिग्ध गजवा ए हिन्द मिशन के तहत भर्तियां करवा रहे थे। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी एटीएस ने यह कार्रवाई इस साल मार्च व अगस्त में भोपाल से एनआईए की ओर से दबोचे गए एक्यूआईएस व जेएमबी के तीन आतंकियों से मिले इनपुट के आधार पर की।

गिरफ्तारी के दौरान संदिग्ध आतंकियों के पास से ढाई लाख रुपये की नकदी भी बरामद की है। जानकारी मिली है कि गिरफ्तार किये गए संदिग्धों में से पांच उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। इनमें से एक झारखंड का रहने वाला है, एक उत्तराखंड और एक संदिग्ध बांग्लादेश का निवासी है। ये सभी संदिग्ध चंदे के नाम पर टेरर फंडिंग में लगे हुए थे।

यूपी ATS ने इन संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा किया है। ATS की जांच में ये सामने आया है गिरफ्तार किये गए सभी 8 आतंकी अलकायदा से जुड़े थे। ये लोग गजवा-ए-हिंद के मकसद को पूरा करने के लिए नए लड़कों को भर्ती कराने के काम में लगे हुए थे। ATS ने इन सभी संदिग्धों की तस्वीरें भी जारी की हैं। ये लोग उत्तर प्रदेश में गजवा-ए-हिंद के लिए चंदे के नाम पर टेरर फंडिंग कर रहे थे।

ATS की पड़ताल में सामने आया है कि गजवा-ए-हिंद के लिए ये लोग देश में अवैध घुसपैठ कर सबसे पहले सीमावर्ती राज्यों पश्चिम बंगाल, असम आदि में अपनी जड़ें मजबूत करने में लगे थे और कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों को खुद से जोड़ रहे थे। ये संदिग्ध उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों को साथ जोड़कर फंड जुटा रहे थे और जिहाद के लिए ब्रेन वॉश कर रहे थे।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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