बिहार
आरक्षण पर चोरी और सीनाजोरी कर रही है बिहार सरकार: भाजपा
पटना। निकाय चुनाव में आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व मीडिया विभाग के प्रभारी राजीव रंजन ने आज कहा कि निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों का आरक्षण खा जाने वाली सूबे की नीतीश सरकार अब इस मसले पर चोरी और सीनाज़ोरी पर उतर आयी है. जान बुझकर अतिपिछड़ों के खिलाफ साजिश रचने के बावजूद इनके नेता शर्माने के बजाए, सीना चौड़ा कर के गलतबयानी कर रहे हैं.
सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि झूठ की राजनीति के सहारे जनता को ठगने का प्रयास कर रहे ठगबंधन के नेता बताएं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर निकाय चुनाव कराने की जिद किसकी थी? वह बताएं कि एजी और चुनाव आयोग ने किसे चिट्ठी लिख कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण देने के बाद निकाय चुनाव कराने की बात कही थी? वह बताएं कि किसके दबाव पर दोनों ने बाद में अपना मंतव्य बदला?
उन्होंने कहा कि वास्तव में राज्य सरकार आज लालू परिवार की जागीर बन चुकी है. लालू परिवार जो कहे, उसे मानना जदयू की नियति बन गयी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर जबर्दस्ती चुनाव कराने की सरकार की यह सियासी नौटंकी भी महज लालू परिवार के फायदे के लिए की गयी है.
श्री रंजन ने कहा कि हकीकत में सरकार का उद्देश्य अतिपिछड़ों का आरक्षण खाने के साथ-साथ चुनाव को टालना है, जिससे नगर निकाय के लिए खर्च होने वाली सैंकड़ों करोड़ की विकास राशि निकायों के पास न होकर सिर्फ नगर विकास मंत्री यानी तेजस्वी यादव के पास रहे. याद करें तो 90 के दशक में लालू जी ने भी ऐसा ही किया था और आज भी वह नीतीश कुमार पर दबाव डाल कर कुछ वैसा ही करवाने की कोशिश कर रहे हैं.
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि इस असंवैधानिक कदम के जरिए सरकार राजद को निकायों की विकास राशि में लूट करने की खुली छूट देना चाहती है, जिससे वह पिछले 15 वर्षों का ‘घाटा’ पूरा कर सके. राज्य सरकार यह जान ले कि जनता उसका खेल समझ चुकी है और जल्द ही उन्हें इसका खामियाजा भोगना पड़ेगा.
बिहार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान, दो बार गलती किया आरजेडी के साथ चले गए
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा कि वो अब बीजेपी में ही रहेंगे और कभी इधर-उधर नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम लोगों का बीजेपी के साथ मजबूत रिश्ता है. नीतीश ने कहा कि उनके लोगों ने ही दो बार गलती करवा दी थी, जिसकी वजह से वो आरजेडी के साथ चले गए थे.
नीतीश ने कहा, “दो बार मेरे लोगों ने गलती करवा दिया. हमको खराब लगा तो दोनों बार हटा दिए हम. हम तो शुरू से बीजेपी के साथ थे. अब कभी इधर-उधर नहीं जाएंगे. हम लोगों का कितना मजबूत रिश्ता है बीजेपी से. 1996 से हम इनके साथ हैं. अब साथ चलेंगे इनके साथ. एक ही साथ रहना है अब. बिल्कुल इधर-उधर नहीं जाना है.”
एनडीए की प्रमुख सहयोगी है जेडीयू
नीतीश कुमार खुद जेडीयू के प्रमुख हैं और लोकसभा चुनावों में जेडीयू, बीजेपी की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी बनकर उभरी. इस साल लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार बनाने में जेडीयू ने मदद की. इस बार आम चुनाव में बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई है. एनडीए में बीजेपी के बाद जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी सबसे बड़ी पार्टी है
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