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उत्तर प्रदेश

कृषि आधारित SSME उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु यूपी में होगा राष्ट्रीय सेमिनार

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CM Yogi

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लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कृषि आधारित एमएसएमई (SSME- Sustainable Small and Medium Enterprise) उद्यमी महासम्मेलन, इंडिया फूड एक्सपो-2022 एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों पर 2 से 4 नवंबर के बीच राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसका उद्घाटन  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।

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इस मौके पर केंद्रीय SSME राज्यमंत्री भानू प्रताप वर्मा, दोनों डिप्टी सीएम, SSME कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, उद्यान विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह भी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में सीएफटीआरआई मैसूर, पोटेटो रिसर्च इंस्टीट्यूट मोदीपुरम समेत प्रदेश की करीब 1500 फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री भाग लेंगी। इसके साथ ही नेशनल लेवल की 5 ऑर्गनाइजेशन और उनके साइंटिस्ट भी मौजूद रहेंगे।

एग्जीबिशन में करीब 100 से ज्यादा स्टॉल लगाए जाएंगे, जिसमें किसानों को उनके उत्पादन की क्वालिटी सुधारने, उद्यमियों को लोन उपलब्ध कराने के लिए बैंक, मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी विदेशी मशीन के एक्सपर्ट के स्टॉल शामिल होंगे। यह जानकारी शनिवार को लोकभवन स्थित मीडिया सेंटर में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने दी।

प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने में फूड प्रोसेसिंग का अहम रोल

कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यूपी में लगभग 250 बिलियन डॉलर की इकॉनमी है, जिसमें साढ़े चार लाख करोड़ कृषि तथा 50 हजार करोड़ का फूड प्रोसेसिंग का योगदान है।

प्रदेश में लगभग 70 हजार SSME यूनिट रजिस्टर्ड है जबकि करीब 20 लाख यूनिट अनरजिस्टर्ड हैं, जो एमएसएमई सेक्टर की तरह कार्य कर रही हैं। पूरे देश में टेक्सटाइल सेक्टर के बाद फूड सेक्टर में ही सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध है। प्रदेश पूरे देश में एमएसएमई सेक्टर के तहत लोगों को राेजगार उपलब्ध कराने में दूसरा स्थान रखता है।

दरअसल, यूपी करीब 15 एग्रीकल्चर उत्पादों के प्रोडक्शन के साथ देश में अव्वल स्थान पर है। पूरे देश का 34 प्रतिशत गेहूं यूपी में होता है। आम, पोटेटो, क्वालिफ्लावर, वॉटर मेलन समेत 15 उत्पाद ऐसे हैं, जिसमें यूपी नंबर वन पर है। ऐसे में प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने में फूड प्रोसेसिंग का अहम रोल है।

प्रदर्शनी में प्रवेश होगा नि:शुल्क

अपर मुख्य सचिव (SSME) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की प्रदर्शनी में देश एवं विदेश के 100 से अधिक एक्जीबिटर भाग लेंगे। प्रदर्शनी में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए मशीनों, उपकरणों, सेवाओं एवं तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे भावी एवं वर्तमान उद्यमी लाभान्वित हो सकें।

प्रदर्शनी में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित पीएमएफएमई स्कीम का मौके पर ही पंजीकरण होगा। कार्यक्रम में आगामी ग्लोबल समिट में इंडस्ट्री इंवेस्टमेंट पर फोकस किया जाएगा ताकि समय से एमओयू को तैयार किया जा सके।

एसीएस ने बताया कि महासम्मेलन में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार, केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ पैकेजिंग, केन्द्रीय खाद्य प्रोद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, फ्लेवर्स एंड फ्रेगरेंस विकास केंद कन्नौज, यूपीसीडा, योजना विभाग उत्तर प्रदेश एवं स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारी अपना संबोधन प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के संयुक्त प्रयास के किया जा रहा है। प्रदर्शनी में प्रवेश निःशुल्क होगा।

यह होंगे आयोजन 

  1. कृषि आधारित SSME उद्यमी महासम्मेलन- 2022 सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक जुपिटर हॉल इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान में होगा।
  2. खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की प्रदर्शनी (इंडिया फूड एक्सपो-2022) प्रदर्शनी ग्राउंड इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान में होगी।
  3. खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों पर राष्ट्रीय सेमिनार 3 एवं 4 नवम्बर को प्रातः 10 बजे से

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उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

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लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

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