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नेशनल

उत्तर प्रदेश में 10 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को मिल रही है पेंशन: सीएम योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज भारत के प्रत्येक नागरिक को बिना भेदभाव के शासन योजनाओं का लाभ मिल रहा है। हमारी सरकार ने दिव्यांगजनों की पेंशन को बढ़ाने का कार्य किया। आज उत्तर प्रदेश में 10 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को 12000 रुपये सालाना मासिक पेंशन के रूप में मिल रही है। सरकार सभी के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी का मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास एक नए भारत की कहानी को कहता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विकलांग शब्द को दिव्यांग कह कर एक नया जोश दिव्यांगजनों में भरा है। मैं इन सभी का सम्मान करता हूं कि अपनी तकलीफ को भुलाकर दिव्यांगजन देश और समाज के लिए अपना योगदान दे रहे हैं।

सीएम योगी ने ये बातें लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की 147वीं जयंती के अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित ‘सरदार पटेल राष्ट्रीय दिव्यांग टी-20 कप के द्वितीय टूर्नामेंट का उद्धघाटन’ के अवसर पर कही। इस दौरान सीएम योगी ने दिव्यांग खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया। अपने संबोधन में सीएम योगी ने कार्यक्रम की ब्रांड एम्बेसडर पद्मश्री, खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार से अलंकृत दिव्यांग एथलीट दीपा मलिक को धन्यवाद करते हुए कहा कि वह लाखों लोगों की प्रेरणा हैं। उन्होंने ऋषि अष्टावक्र का जिक्र करते हुए कहा कि उनके मंत्र भारत ही नहीं समूचे विश्व को एक नई रोशनी प्रदान करते हैं। वहीं उन्होंने सूरदास के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने काव्य के माध्यम भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का प्रकाश फैलाया था।

सीएम योगी ने कहा कि वर्त्तमान कालखंड भी ऐसी कई विभूतियों से भरा है। सुप्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने अपनी ब्रम्हांड की थ्योरी के माध्यम से दुनिया के वैज्ञानिकों को लोहा मनवाया। उन्होंने कहा की दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण, स्कालरशिप समेत हमारी सरकार दिव्यांगजन के कल्याण के अनेक कार्यक्रम चला रही है। सीएम योगी ने कहा कि खेल कूद के कार्यक्रम हमें टीम भावना के साथ जोड़ते हैं। खेल में अगर यह भावना न हो तो कितने भी होनहार खिलाड़ी हों कोई टीम सफल नहीं हो सकती। लेकिन जब टीम में परस्पर समन्वय होता है तो वह टीम विजय श्री वरण भी करती है। देश को एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए टीम भावना के साथ राष्ट्रीय एकता के संदेश को हमें जन जन तक पहुंचाना है। जिससे प्रदेश का प्रत्येक नागरिक अपने देश, मातृभूमि और कर्तव्यों के प्रति जागरूक हो सके।

…और जब सीएम योगी ने लगाए शॉट

दिव्यांगजनों के प्रति सीएम योगी के प्रेम से हर कोई वाकिफ है। वह उन्हें प्रोत्साहित करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में भी ऐसा ही हुआ। पहले उन्होंने दिव्यांग खिलाड़ियों से उनका हाल जाना फिर एक अवसर ऐसा भी आया जब वह बल्लेबाजी करते नजर आए। दिव्यांग खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने के लिए मैदान में उतरे सीएम योगी ने बॉल खेली और शॉट भी लगाये।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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