उत्तर प्रदेश
सपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में भाजपा, शुरू कर दी तैयारी
लखनऊ। उप्र की सत्ता पर पिछले पांच सालों से ज्यादा समय से आरूढ़ भाजपा अब मुख्य विपक्षी दल सपा के दो गढ़ों मैनपुरी लोकसभा (Mainpuri Lok Sabha) व रामपुर की विधानसभा सीट पर कब्जा जमाना चाह रही है। भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को यहां उपचुनाव का ऐलान किया था।
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बता दें कि इन दोनों सीटों पर क्रमशः सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन व आजम खान के अयोग्य घोषित होने के चलते उपचुनाव होने वाले हैं। इसके लिए सत्तारूढ़ दल ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
क्या हैं तैयारियां?
भाजपा की जिला समिति ने मैनपुरी संसदीय सीट पर मंथन शुरू कर दिया है। खबर है कि क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों पर पार्टी कैडर की बैठकें जारी हैं और इसकी जानकारियां क्षेत्रीय और प्रदेश नेतृत्व को दी जा रही है।
मैनपुरी में करीब 17 लाख मतदाता हैं, जिनमें 5 लाख यादव और 3-3 लाख शाक्य और ठाकुर हैं। भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंह का कहना है कि पार्टी केंद्र और राज्य सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जनता के बीच जाएगी।
सपा की प्लानिंग
उधर, सपा ‘सहानुभूति मतों’ पर भरोसा कर रही है। खबर है कि पार्टी इस प्रतिष्ठापूर्ण सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है। सपा प्रवक्ता जूही सिंह का कहना है, ‘पार्टी मैनपुरी और रामपुर सीट के उपचुनाव को हल्के में नहीं लेगी। सपा का संगठन स्तर पर काम मजबूत हैं और सीटों से लोगों की भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं।’
संभावनाएं जताई जा रही हैं कि सपा मुलायम के भाई के पोते तेज प्रताप यादव को मैदान में उतार सकती है। साल 2014 में तेज प्रताप ने यहां से जीत दर्ज की थी।
रामपुर के लिए भी कसी कमर
रामपुर सीट पर भाजपा 12 नवंबर को ‘मुस्लिम समारोह’ आयोजित करने की योजना बना रही है। खबर है कि इसके जरिए पार्टी पसमांदा समुदाय को अपने पक्ष में लाने की कोशिश करेगी। कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी शामिल होंगे। इसके अलावा यूपी सरकार के वरिष्ठ मंत्री भी कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।
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उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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