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बिजनेस

हीरो ने फिर बढ़ाई अपने वाहनों की कीमत, चालू वित्त वर्ष में चौथी बढ़ोतरी  

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Hero increased the price of its vehicles

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नई दिल्ली। अगर आप हीरो (HERO) की मोटरसाइकिल या स्कूटर खरीदने की सोच रहे हैं तो अब आपको अपना बजट बढ़ाना होगा क्योंकि देश की सबसे अधिक पसंद की जाने वाली वाहन निर्माता कंपनी हीरो ने एक बार फिर कीमत में बढ़ोतरी की है।

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चालू वित्त वर्ष में चौथी बार हुई बढ़ोतरी

कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में चौथी बार कीमत में बढ़ोतरी की है। हीरो मोटोकॉर्प ने पिछली बार सितंबर में एक्स शोरूम की कीमत में 1000 हजार रुपये बढ़ोतरी की थी। कंपनी 1 दिसंबर से अपने मोटरसाइकिल और स्कूटरों की कीमतों में बढ़ोतरी करेगी।

टीवीएस मोटर ने हाल के दिनों में बढ़ाई थी कीमत

टीवीएस मोटर कंपनी ने भी अक्टूबर में कीमतों की बढ़ोतरी की थी। वहीं बजाज ऑटो ने जुलाई से कीमत में बढ़ोतरी नहीं की है क्योकि वाहन निर्माता कंपनी घरेलू बाजार में अपने मार्केट शेयर को बढ़ाना चाह रहा है।

कंपनी का बयान

हीरो ने भारतीय बाजार में इनपुट कास्ट बढ़ने को कीमत में बढ़ोतरी का कारण बताया है। कंपनी ने कहा है कि मॉडल और बाजार के आधार पर कीमतों में 1500 रुपये तक की बढ़ोतरी की जाएगी। यानी अब आपको हीरो के मोटरसाइकिल और स्कूटर खरीदने के लिए अपने बजट में 1500 रुपये अधिक बढ़ाने होंगे।

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बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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