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उत्तर प्रदेश

उप्र: मुख्यमंत्री की अनूठी पहल, हर नगर-हर कस्बे का मनेगा हैपी बर्थ डे

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Unique initiative of the CM

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लखनऊ। उप्र का हर नगर, हर कस्बा अपना जन्मदिन मनाएगा। स्थानीय नागरिक हों या कि जनप्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी, सब मिलजुलकर अपने शहर का जन्मदिन मनाएंगे। नगरों की विशिष्ट विशेषताओं को उद्घाटित करते हुए देश में उनकी अपनी पहचान सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अनूठी पहल करते हुए ‘नगर सृजन दिवस’ मनाए जाने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद नगरों के अस्तित्व में आने के संबंध में प्रमाणिक तिथि (जन्म दिवस) तलाशने की तैयारी शुरू हो गई है।

नगर विकास विभाग द्वारा जारी इस विशेष कार्यवाही के दौरान न केवल शहर से जुड़ी न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को तिथिवार लिपिबद्ध किया जाएगा, बल्कि ऐतिहासिक, पौराणिक, विरासत स्थल, पार्कों को सूचीबद्ध करने, नगर के महापुरूषों से संबंधित प्रेरक प्रसंगों को संकलित करने,

नगर के आर्थिक विकास के परिचायक उत्पादों, उद्योगों की नगर की पहचान की मुख्य अवयवों में समाहित करने, नगर के पर्यावरण पारिस्थितिकी के प्रति लोगों को जागरुक करने एवं उत्सव के दौरान नगर की स्वच्छता एवं सौन्दर्यीकरण हेतु कार्ययोजना भी तैयार है।

नगर सृजन दिवस मनाए जाने के पीछे सीएम योगी की मंशा नगर के इतिहास, संस्कृति एवं सभ्यता के प्रति नागरिकों के अन्दर गौरव की अनुभूति जागृत करने तथा नगर के विशिष्ट पहचान सुनिश्चित करने की है। प्रामाणिक तिथि तय होने के बाद धूमधाम से हर साल विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। नगर के जन्म दिवस पर शहर के ऐतिहासिक स्थलों, पार्कों इत्यादि पर राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत के साथ ध्वजारोरण भी किया जाएगा।

यही नहीं, उत्सव में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ लोककला, साहित्य, संस्कृति से जुड़े लोगों के साथ-साथ स्वतन्त्रता सेनानी, भूतपूर्व सैनिक, महत्वपूर्ण खिलाड़ी, बुद्धिजीवियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। योजना है कि इस खास कार्यक्रम में नगर के ऐतिहासिक तथ्यों, महापुरूषों से संबंधित प्रेरक प्रसंगों को भी समाहित किया जाए। एक सप्ताह तक निकाय में इनकी फोटो प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

अतीत से वर्तमान तक से होगा सीधा साक्षात्कार

नगर सृजन दिवस पर शहर के अतीत से जुड़े पन्ने तो पढ़े ही जाएंगे, संबंधित निकाय द्वारा बीते वर्ष नागरिक सुविधाओं के लिए किये गये प्रमुख कार्यों तथा आगामी वर्ष में किये जाने वाले प्रमुख कार्यों से संबंधित तथ्यों को भी रेखांकित किया जाएगा। यहां नागरिक सुविधाओं के कैंप भी लगाए जाएंगे। साथ ही, नगर की आर्थिक विकास के विशिष्ट पहचान वाले उद्योगों, उत्पादों को नगर की पहचान के मुख्य अवयव के रूप में ब्रांडिंग की भी योजना है।

स्वच्छ-हरित शहर के संकल्प से आम जन को जोड़ते हुए इस कार्यक्रम में नगर के पर्यावरण परिस्थितिकी जैसे नदियाँ, वाटरबॉडीज, ग्रीनफारेस्ट, बायो-डायवरसिटि को संरक्षित करने के विषय में भी कार्यक्रम होंगे तथा इनके किनारे विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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