अन्तर्राष्ट्रीय
एस जयशंकर की सलाह- यूरोपीय लोगों को वेक-अप कॉल की जरूरत
विएना (ऑस्ट्रिया)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नई विश्व व्यवस्था, यूक्रेन युद्ध और चीनी चुनौती पर यूरोपीय देशों को सलाह दी है। ऑस्ट्रिया के दौरे पर गए एस जयशंकर ने ऑस्ट्रियाई अखबार को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यूरोपीय लोगों को यह समझने के लिए एक वेक-अप कॉल की आवश्यकता है कि जीवन के कठिन पहलुओं को हमेशा दूसरों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है। विदेश मंत्री ने कहा कि कोई भी क्षेत्र स्थिर नहीं होगा यदि एक ही शक्ति का वर्चस्व हो।
अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को दूर रखना चाहता यूरोप
जयशंकर ने कहा कि 2008 के वित्तीय संकट के दौरान यूरोप ने दुनिया के प्रति रक्षात्मक रुख अपनाया। इसके अलावा यूरोप केवल अपने क्षेत्र में विकास करना चाहता है और अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को हमेशा दूर रखना चाहता है।
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि यूरोप ने व्यापार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ बहुपक्षवाद पर जोर दिया। जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर भी दुनिया को आकार देने के लिए अपने आर्थिक प्रभाव का इस्तेमाल किया।
यूएस ने अपनी भूमिका को बदला
जयशंकर ने कहा कि यूरोप बड़ी सुरक्षा मुद्दों में शामिल नहीं होना चाहता है। वहीं, विश्व शक्ति संरचना में बदलाव के बारे में बोलते हुए, विदेश मंत्री ने अमेरिका का उदाहरण दिया और कहा कि सभी मतभेदों के बावजूद यूएस ने अपनी भूमिका को बदला।
जयशंकर ने कहा कि नए विश्व व्यवस्था में इस परिवर्तन में लंबा समय लगेगा क्योंकि परिवर्तन बड़ा है। अमेरिकियों को यह एहसास हुआ कि उन्हें खुद को बदलना होगा और हमारे जैसे देशों के साथ सहयोग मांगना होगा।
यूरोप ने भी रूस से किया आयात
जयशंकर ने रूस से तेल आयात पर अपनी बात रखते हुए कहा कि फरवरी 2022 से यूरोप ने भारत की तुलना में रूस से छह गुना अधिक ऊर्जा का आयात किया है। अगर 60,000 यूरो (प्रति व्यक्ति आय) पर, यूरोप अपनी जनसंख्या के बारे में इतना सोच रहा है, तो भारत 2,000 अमेरिकी डॉलर की आय वाली आबादी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश को भी ऊर्जा की आवश्यकता है और वह इस स्थिति में नहीं हैं कि तेल के लिए ऊंची कीमत चुका सकें।
रूस को सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता
हालांकि, जयशंकर ने यह भी कहा कि यूरोपीय लोगों ने यूक्रेन संघर्ष से पहले ही यह महसूस किया कि विश्व व्यवस्था बदल रही है। उन्होंने कहा कि जब यूरोपीय लोगों ने इंडो-पैसिफिक रणनीति के बारे में बात करना शुरू किया, तो यह स्पष्ट था कि वे अब दुनिया के अन्य हिस्सों में विकास पर सिर्फ दर्शक नहीं बनना चाहते हैं।
जयशंकर ने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि नई दिल्ली ने रूसी आक्रमण की निंदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी और यूरोपीय दबाव को खारिज कर दिया। साथ ही मास्को को अपना सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता भी बना दिया।
भारत रूस के संबंध नहीं होंगे खराब
विदेश मंत्री ने कहा कि इस युद्ध ने पश्चिम देशों में नैतिक आक्रोश को उकसाया है। वहीं, रूस के ख़िलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों ने ऊर्जा, भोजन और उर्वरक लागत को हद से बढ़ा दिया है। इससे गरीब देशों में आर्थिक कठिनाइयां पैदा हो गई हैं।
जयशंकर ने आगे दोहराया कि भारत, रूस के साथ संबंधों को खराब करने के मूड में नहीं है क्योंकि मास्को ने सालों पहले हथियारों के साथ नई दिल्ली का समर्थन किया था। तब, अमेरिका ने भारत के कट्टर दुश्मन पाकिस्तान का साथ दिया था। इस बीच, यूक्रेन में संघर्ष के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों को बातचीत व कूटनीति के माध्यम से अपने मतभेदों को हल करने की सलाह दी गई है।
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अन्तर्राष्ट्रीय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात
ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।
Glad to have met Prime Minister Giorgia Meloni on the sidelines of the Rio de Janeiro G20 Summit. Our talks centred around deepening ties in defence, security, trade and technology. We also talked about how to boost cooperation in culture, education and other such areas.… pic.twitter.com/BOUbBMeEov
— Narendra Modi (@narendramodi) November 18, 2024
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