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प्रादेशिक

मेदांता के डॉक्टरों का कमाल, एक ही दिन में छह मरीजों की कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्ट सर्जरी की

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लखनऊ। मेदांता लखनऊ ने छह गंभीर रोगियों की जान बचाने के लिए एक ही दिन में सफलतापूर्वक छह उच्च जोखिम वाली कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्ट (सीएबीजी) सर्जरी की

लखनऊ: अपनी स्थापना के समय से ही मेदांता लखनऊ का कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग सीटीवीएस डॉक्टरों और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की अपनी सुपरस्पेशलिस्ट टीम के साथ लखनऊ पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश में रोगियों को उत्कृष्ट व्यापक हृदय, फेफड़े और वैस्क्युलर सर्जरी की सेवाएं प्रदान कर रहा है। महामारी के बावजूद विभाग ने पिछले तीन वर्षों में लगभग 2000 बड़ी हार्ट सर्जरी की हैं। यह यूनिट वयस्क और शिशु रोगियों के लिए सभी जटिल सर्जिकल सेवाएं प्रदान करती है, जिनमें रीडू सर्जरी, मिनिमली इनवेसिव सर्जरी बहुत उच्च जोखिम वाली बाईपास प्रक्रियाएं और अल्ट्रा- स्किल्ड बिमा (BIMA) बाईपास सर्जरी, आदि शामिल हैं।

इसी सिलसिले को जारी रखते हुए, डायरेक्टर सीटीवीएस (CTVS), डॉ गौरंगा मजूमदार और उनकी टीम ने हाल ही में एक ही दिन में छह गंभीर जटिल सीएबीजी सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिससे छह गंभीर रूप से बीमार रोगियों की जान बचाई जा सकी।

डॉ मजूमदार ने कहा कि मेदांता अस्पताल संभवतः पूर्वांचल और मध्य यूपी का एकमात्र अस्पताल है जिसने एक ही दिन में छह उच्च जोखिम वाली सीएबीजी सर्जरी सफलतापूर्वक की है और सुरक्षा या गुणवत्ता का त्याग किए बिना ही प्रभावी परिणाम देने में सक्षम है। कुछ महीने पूर्व मेदांता अस्पतला ने एक ही दिन में छह बड़ी दिल की सर्जरी भी की, जिनमें सीएबीजी, वाल्व रिप्लेसमेंट और पीडियाटिक शामिल थीं। लखनऊ के कई अस्पतालों में इन जटिल प्रक्रियाओं के लिए मरीजों को इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि वहाँ लंबी वेटिंग लिस्ट होती है। लेकिन मेदांता अस्पताल अपने डॉक्टरों और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की समर्पित टीम के कारण सस्ती कीमत पर अत्यधिक देखभाल के साथ 24/7 सर्जिकल और कार्डियक आईसीयू सेवाएं प्रदान करता है।

डॉ मजूमदार के नेतृत्व वाली टीम ने हाल ही में 33 साल के युवा रोगी की एक बहुत ही उच्च जोखिम वाली डबल ‘वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी की। उन्होंने 7 साल पहले किसी और हॉस्पिटल में टिश्यू वाल्व के साथ डबल वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाई थी और उनके दोनों टिश्य वाल्व क्षतिप्रस्त हो गए जिससे उनका दिल कमजोर हो गया। इसके चलते क्षतिग्रस्त वाल्व को हटाने और दो नए वाल्वों को फिर से लगाने की आवश्यकता पड़ी। उनकी सर्जरी सफल रही और उन्हें रिकॉर्ड 4 दिन में अस्पताल से पड्डी मिल गई। डॉ मजूमदार ने बताया कि हालांकि बार-बार दिल की सर्जरी करना जोखिम भरा होता है, लेकिन यह एक सामान्य प्रक्रिया हो गई है। मेदांता लखनऊ में नियमित रूप से रीडू सर्जरी की जा रही है, जिसके उत्कट परिणाम मिले हैं।

(सीटीवीएस डिपार्टमेंट, मेद, लखनऊ, रोगियों के लिए आवश्यक टोटल आटेरियल बाइपास सर्जरी (बिमा) भी कर रहा है, जो मल्टी सल कोरोनरी आर्टरी डिजीज के लिए सबसे अच्छा उपलब्ध उपचार है। सीटीवीएस डिपार्टमेंट मेदांता लखनऊ ने इस शैक्षणिक वर्ष से डीएनबी (सीटीवीएस प्रशिक्षण शुरू किया है, जिसके लिए दो सीटें आवंटित की गई है

दाता अस्पतालखनऊ विभिन्न प्रकार की चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है। मेदांता के सुपर स्पेशालिस्ट डॉक्टर परामर्श के साथ-साथ अत्याधुनिक चिकित्सा और शास्टिक उपकरणों का उपयोग करके रोगियों को सम चिकित्सकीय देखभाल प्रदान करते हैं। मेदांता अस्पताल में इमरजेंसी क्रिटिकल कैंसर कार्ड साइंसे न्यूरोसाइंसेस, कैंसर ट्रीटमेंट रोजी जी लिवर ट्रांसप्लांट बीन मेरी ट्रांसप्लाट आईसीयू आदि के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है और यह और सेंट्रल यूपी का सबसे बड़ा अस्पताल है।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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