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प्रादेशिक

योगी के राज में आधी आबादी हुई ‘शक्ति’शाली

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Yogi government

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की माताओं-बहनों के जीवन को सुगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते साढ़े 5 वर्ष में जो प्रयास किए हैं, उनके नतीजे अब नजर आने लगे हैं। मिशन शक्ति के माध्यम से महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान और स्वालंबन प्रदान किया जा रहा है। सीएम योगी के मार्गदर्शन में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति में आए सुधार से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। सेक्स रेशियो में भी लड़कियों की संख्या में वृद्धि हुई है। बाल विवाह में कमी आई है। लड़कियों के स्कूल में प्रवेश की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित की गई है तो सरकार की योजनाओं का लाभ हर तबके की महिलाओं तक पहुंचा है।

अपराधों में आई कमी

एनसीआरबी 2021 के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के खिलाफ अपराधों में जहां देश का औसत 64.5 रहा है तो वहीं उत्तर प्रदेश में यह 50.5 रहा। एनसीआरबी के अनुसार 2021 में जब देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले अपराधियों को सजा दिलाने का प्रतिशत महज 26.6 था तो उत्तर प्रदेश में यह 59.1 पर पहुंच गया था। इसी तरह, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार 2019-21 के दौरान जहां बाल विवाह की दर देश में 23.3 प्रतिशत थी तो उत्तर प्रदेश में यह मात्र 15.8 प्रतिशत रही। सेक्स रेशियो की बात करें तो 2019-21 के दौरान देश में प्रति 1000 पर 929 बेटियां पैदा हो रही थीं तो उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 941 बेटियों का था। 2015-16 में यह संख्या मात्र 903 थीं।

सुरक्षा और सम्मान में हुई वृद्धि

अगर योजनाओं के क्रियान्वयन की बात करें तो प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए 80 पिंक बसों का संचालन किया जा रहा है। 100 पिंक बूथ बनाए गए हैं तो 110 पिंक पेट्रोल बन चुके हैं। यही नहीं, दो करोड़ बेटियों का स्कूल में दाखिला कराया गया है। बस स्टॉप पर 240 पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाए गए हैं। सभी जिलों में वुमेन चाइल्ड प्रोटेक्शन प्लान तैयार किया गया है। सभी जिलों में जेंडर सेनेटाइजेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। प्रदेश में 18 फॉरेंसिग लैब्स का गठन किया गया, जबकि 11528 ड्राइवरों को व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

अपराधियों को सजा दिलाने में आई तेजी

महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बात की जाए तो समयबद्ध तरीके से अपराधियों को सजा दिलाने का काम सरकार कर रही है। पॉक्सो के तहत कंविक्शन रेट जो 2020 में 535 का था वो 2022 में 294 प्रतिशत तक बढ़कर 2110 पर पहुंच गया है। इसी तरह रेप के मामलो में 2020 के 177 की तुलना में 254 प्रतिशत बढ़कर 627 हो गया। इसके तहत ज्यूडिशियरी, प्रॉसीक्यूशन और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है। मैकेनिज्म की मॉनीटरिंग को मजबूत किया गया तो ई प्रॉसीक्यूशन के लिए नियमित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया। महत्वपूर्ण ट्रायल स्तरों पर एसओपी तय की गईं, जबकि विटनेस की क्रॉस एग्जामिनेशन की तैयारी कराई गई।

अपराधों पर लगा अंकुश

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर वुमेन एंड चाइल्ड सिक्योरिटी ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूसीएसओ) का गठन किया गया। इसका उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 360 डिग्री इकोसिस्टम तैयार करना है। संस्था का प्रयास महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाना है। इसके लिए विभिन्न पुलिस यूनिट्स के एक कॉमन प्लेटफॉर्म के तहत लाया गया है। पुलिस और सिविल सोसायटी के बीच गैप को भरने की कोशिश की गई है ताकि दोनों के बीच भरोसा बढ़ सके। साथ ही सेमिनार और वर्कशॉप के माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया गया है। डब्ल्यूएससीओ की कोशिशों के तहत वुमेन पावर लाइन 1090 काम कर रही है। प्रत्येक जिले में एंटी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग यूनिट्स बनी है। 3195 एंटी रोमियो स्क्वाड काम कर रहे हैं। सभी पुलिस थानों में वुमेन हेल्प डेस्क काम कर रही है। 3000 पिंक बूथ व 250 पिंक पेट्रोल काम कर रहे हैं। 10417 नई महिला पुलिस बीट बनी हैं। 20740 प्रशिक्षित महिलाओं को बीट पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है। 3 एक्सक्लूसिव वुमेन कांस्टेबल पीएसी बटालियंस का निर्माण हो रहा है तो साइबर सेफ्टी, साइबर बुलींग के अलावा सभी सुविधाओं से युक्त साइबर फॉरेंसिक यूनिट शुरू की गई है।

सशक्त हुईं महिलाएं

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। इसके तहत 218 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए गए हैं। एक करोड़ महिलाओं को 10 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ा गया है। 42.70 लाख पीएम आवास प्रदान किए गए हैं। 58 हजार बीसी सखी ग्राम पंचायतों में कार्यरत हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 2.67 करोड़ शौचालय का निर्माण हो चुका है। 1.74 करोड़ उज्ज्वला कनेक्शन वितरित किए गए हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए 16 शहरों में 262 इमरजेंसी कॉल बॉक्स बनाए गए हैं। यही नहीं, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से 14.25 लाख लड़कियों को सोशल सिक्योरटी के लिए कैश ट्रांसफर किया गया है।

IANS News

भाई-भतीजावाद खत्म कर सरकार कर रही निष्पक्ष-पारदर्शी भर्तियां : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन रोजगार के तहत निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित 701 वन दरोगाओं का नियुक्ति पत्र वितरण किया। शुक्रवार को लखनऊ के लोकभवन सभागार में वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने वन और पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों और सरकारी प्रतिबद्धताओं को साझा करते हुए सभी नव नियुक्त वन दरोगाओं को उनकी नई जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया और उन्हें बधाई दी। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि सरकार प्रदेश में व्याप्त भाई-भतीजावाद को खत्म कर निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित की है।

सीएम योगी ने कहा कि यह नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष थी, जिसमें मेरिट के आधार पर युवाओं को उनके सपनों को साकार करने का मौका दिया गया। उन्होंने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) की प्रशंसा करते हुए कहा कि 2017 से अब तक सात लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। यह पारदर्शिता और निष्पक्षता का परिणाम है कि युवाओं को बिना किसी भेदभाव के रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।

प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया से भाई-भतीजावाद और भेदभाव को खत्म किया – सीएम

सीएम योगी ने कहा कि पहले जब उत्तर प्रदेश में कोई भर्ती निकलती थी तो महाभारत के रिश्ते एक साथ टपक पढ़ते थे। हम लोगों ने इस पूरी भर्ती की प्रक्रिया से सारे नातेदारी और रिश्तेदारी को खत्म किया है। सीएम ने कहा कि संबंधित अधिकारियों और विभाग को बहुत ही स्पष्ट रूप से कहा गया कि उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता हमारे परिवार का हिस्सा है और कोई भी भेदभाव उनके साथ नहीं होना चाहिए, किसी भी नौजवान के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। सीएम ने कहा कि आपने देखा होगा कि सारी प्रक्रियाओं को बेहद पारदर्शी तरीके से संपन्न किया जा रहा है। सीएम योगी ने चयनित अभ्यर्थियों से कहा कि सरकार इतने पारदर्शी तरीके के साथ इस पूरे प्रक्रिया को संपन्न करवाने के लिए आयोग और बोर्ड की मदद से इस कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है इसलिए सरकार आपसे बेहतर पारदर्शी और निष्पक्ष कार्य की अपेक्षा भी करती है।

साढ़े सात वर्षों में 7 लाख से अधिक नौजवानों को दी नौकरी

सरकार बनते ही 2017 में हमने सभी आयोग और बोर्ड को बहुत ही स्पष्ट रूप से कहा था कि भाई याद रखना नियुक्ति की प्रक्रिया में उसकी सुचिता उसके पारदर्शिता में किसी भी प्रकार का कहीं खोट नजर नहीं आना चाहिए और जो भी जिस भी स्तर पर लापरवाही होगी वहां पर जवाब देही भी सुनिश्चित होगी और उसका परिणाम है कि गत साढ़े सात वर्ष के अंदर हम 7 लाख से अधिक नौजवानों को उत्तर प्रदेश सरकार में सरकारी नौकरी देने में सफल हुए जो प्रधानमंत्री मोदी जी का विजन था कि यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शी और ईमानदारी तरीके से संपन्न होने चाहिए आज वह प्रक्रिया प्रदेश के अंदर पूरी मजबूती के साथ उतारी जा रही है

साढ़े सात वर्ष में यूपी ने अपनी अर्थव्यवस्था दोगुनी की – सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि पिछले साढ़े सात वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश ने अपने अर्थव्यवस्था को लगभग दोगुनी करने में सफलता प्राप्त की है। प्रति व्यक्ति आय दोगनी हुई है। 7 लाख से अधिक नौजवानों को तो हम सरकारी नौकरी दे दिए हैं और हम दो करोड़ से अधिक युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरी का अवसर प्रदान करने सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश परंपरागत उद्यम को पुनर्जीवित किया है। आज प्रदेश में रोजगार की कमी नहीं है और यह तो हमारा सौभाग्य है कि देश का सर्वाधिक युवा हमारे पास है और वह कामकाजी है स्किल मैनपॉवर है, उसकी ऊर्जा और प्रतिभा का लाभ हम राज्य के लिए ले रहे हैं। कोई सरकारी नौकरी के माध्यम से कोई स्टार्टअप के माध्यम से कोई एमएसएमई के माध्यम से जीवन के अलग-अलग फील्ड में जा करके वह अपना योगदान दे रहा है।

सरकारी नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर रही सरकार – योगी

सीएम योगी ने कहा कि नवनियुक्त 701 वन दरोगाओं में 140 महिलाएं शामिल हैं, जो महिला आरक्षण नीति के तहत किए गए प्रयासों का प्रमाण है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह हमारी प्रतिबद्धता है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अवसर प्रदान किए जाएं। महिलाओं की भागीदारी पर्यावरण संरक्षण के अभियान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश की सभी भर्ती प्रक्रिया में 20 प्रतिशत महिलाओं का चयन कर रह है। आगमी पुलिस भर्ती में भी बड़ी संख्या में महिलाओं का चयन सुनिश्चित किया जाएगा।

पर्यावरण संरक्षण की चुनौतियों निपटना जरूरी – योगी

सीएम योगी ने ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण जैसे मुद्दों को आज के समय की सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि लखनऊ समेत प्रदेश के कई क्षेत्रों में हाल ही में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण स्कूलों को बंद करना पड़ा। यह स्थिति हमें चेतावनी देती है कि हमें पर्यावरण के प्रति और अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि समस्या मानवजनित है तो समाधान भी मानव को ही ढूंढना होगा। उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों को पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने और सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी।

प्लास्टिक मुक्त जीवन के लिए समाज को करना होगा जागरूक – मुख्यमंत्री

सीएम योगी ने प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों पर प्रकाश डालते हुए वन विभाग को इस दिशा में जागरूकता अभियान चलाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक हमारे पर्यावरण, वन्यजीवों, और जल स्रोतों के लिए गंभीर संकट खड़ा कर रहा है। इसे रोकने के लिए बड़े पैमाने पर सामुदायिक सहयोग और जागरूकता अभियान जरूरी है। हमें लोगों को प्लास्टिक के विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और इसके दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करना होगा।

वन संरक्षण में जनभागीदारी सबसे अहम – सीएम

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में 200 करोड़ से अधिक वृक्ष लगाए गए हैं, जिनमें से 75% वृक्ष जीवित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सफलता सरकार की सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने की नीति का परिणाम है। जब जन आंदोलन किसी अभियान का हिस्सा बनता है, तो उसकी सफलता निश्चित होती है। यही रणनीति हमें वन और पर्यावरण संरक्षण में भी अपनानी होगी। उन्होंने वन विभाग को स्थानीय समुदायों के साथ समन्वय बनाकर वृक्षारोपण और वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वनों का संरक्षण केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं है। यह जनभागीदारी के बिना संभव नहीं है।

वन और वन्यजीव हमारे पर्यावरण का अभिन्न हिस्सा – सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन्यजीव संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वन और वन्यजीव हमारे पर्यावरण का अभिन्न हिस्सा हैं। हमें वनों और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखना होगा। इसके साथ ही, इको-टूरिज्म को बढ़ावा देकर इसे एक आर्थिक अवसर के रूप में विकसित किया जा सकता है। सीएम योगी ने वन विभाग के कर्मियों को निर्देश दिया कि वे स्थानीय समुदायों को इको-टूरिज्म के महत्व और वन्यजीव संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाएं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े परिणाम ला सकते हैं।

सीएम ने वन दरोगाओं को उनकी जिम्मेदारियों से कराया अवगत

मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त वन दरोगाओं से कहा कि उनकी जिम्मेदारी केवल वनों और पर्यावरण की सुरक्षा तक सीमित नहीं है। उन्हें वन्यजीवों के संरक्षण, जैव विविधता को बनाए रखने और स्थानीय समुदायों के साथ समन्वय स्थापित करने की दिशा में भी कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि वन विभाग का हर कर्मचारी एक पर्यावरण प्रहरी है। आपकी भूमिका केवल कार्यालयों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। आपको गांवों और समुदायों तक पहुंचकर उन्हें पर्यावरण संरक्षण की अहमियत समझानी होगी।

वन विभाग को सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता – सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि वन विभाग को सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने 701 वन दरोगाओं की नियुक्ति को इस दिशा में एक बड़ा कदम बताया और भरोसा जताया कि ये कर्मी अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से उत्तर प्रदेश को पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी ने सभी वन दरोगाओं और उनके परिवारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपकी नियुक्ति न केवल उत्तर प्रदेश के वनों और पर्यावरण को संरक्षित करने में सहायक होगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।

वन दरोगाओं को उनके परिवारों और शुभचिंतकों की उम्मीदों पर खरा उतरने की प्रेरणा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य हमें पहचान और सम्मान दे रहा है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे हर संभव तरीके से सशक्त और समृद्ध बनाएं।

नियुक्ति पत्र पाकर खिले अभ्यर्थियों के चेहरे

नियुक्ति पत्र पाकर सभी अभ्यर्थी उत्साहित दिखे, सभी ने सीएम योगी के नेतृत्व में पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हुई चयन प्रक्रिया की सराहना की और मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम में वन पर्यावरण जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, राज्य मंत्री केपी मलिक, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण अनिल कुमार समेत विभाग के कई अधिकारी व गणमान्य उपस्थित रहे।

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