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उत्तर प्रदेश

निर्माता-निर्देशक व अभिनेताओं ने भी माना-सबका साथ, सबका विकास करती है योगी सरकार

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लखनऊ। योगी का यूपी वॉलीवुड के दिल में भी धड़कता है। पिछले दिनों मुंबई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात में यह जगजाहिर हो गया। सबका साथ, सबका विकास के नारे पर निर्माता-निर्देशकों व अभिनेताओं ने भी अपनी मुहर लगा दी। एक ओर जहां मुंबई भी अपनी जुबान से योगी के नेतृत्व में अपराध मुक्त यूपी की कहानी कह रहा है तो हैशटैग बायकॉट वॉलीवुड का तगमा हटाने के लिए अभिनेता यूपी के बाबा का साथ मांग रहे हैं। कला, साहित्य व सृजन के वाहक योगी आदित्यनाथ न सिर्फ लोगों का सुझाव सुनते हैं, बल्कि उस पर अमल भी करते हैं। वॉलीवुड के एक निर्माता ने साफगोई से यह दावा किया। यही नहीं, दिल्ली पहुंचने में भी योगी आदित्यनाथ ने मुंबई के 3 कलाकारों को यूपी का रास्ता दिया। वे मुंबई में अपनी प्रतिभा के जरिए दिलों पर राज करते हैं तो यूपी के विकास में भी यूपी सरकार के प्रतिनिधि के रूप में आमजन का नेतृत्व करते हैं। यानी योगी आदित्यनाथ ने यूपी के चहुमुंखी विकास के लिए कलाकारों को भी मंच दिया है।

बॉलीवुड की दुआओं में भी हैं योगी

योगी आदित्यनाथ बॉलीवुड की दुआओं में भी है। निर्माता-निर्देशक व अभिनेता भी चाहते हैं कि योगी आदित्यनाथ का विकास सफर तेजी से बढ़ता रहे। मधुर भंडारकर ने योगी आदित्यनाथ के लिए ईश्वर से दुआएं भी कीं। योगी आदित्यनाथ संत हैं और अपने कर्म के साथ धर्म का भी पालन करते हैं, इसलिए हर दिल अजीज जैकी श्राफ ने अपने वक्तव्य में साफ तौर पर यह भी कहा कि मुंबई में कभी भी घर का खाना चाहिए तो हुकुम करना, मिल जाएगा। हमारे घर वाले भी आपको चाहते हैं। काम की भागदौड़ में योगी को पौष्टिक आहार मिले, वॉलीवुड यूपी के बाबा का इतना ध्यान रखता है। राजपाल यादव ने योगी आदित्यनाथ को अध्यात्म, कर्म व धर्म की जागृत चेतना बताया।

हैशटैग बायकॉट वॉलीवुड का तगमा हटाने के लिए मांगा योगी का साथ

उत्तर प्रदेश ने वॉलीवुड में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जैसा कलाकार दिया। कला के क्षेत्र में यूपी की लंबी विरासत है। इस विरासत को योगी सरकार ने न केवल सहेजा, बल्कि इसे संवारा भी। अपनी फिल्मों के जरिए लोगों के दिल में राज करने वाले सुनील शेट्टी ने सभी के सामने यह माना कि वे सुनील शेट्टी भी यूपी के कारण ही बने। हैशटैग बायकॉट वॉलीवुड का तगमा हटाने के लिए भी उन्होंने योगी आदित्यनाथ का साथ मांगा। कहा कि हमारे अच्छे कामों पर भी चर्चा होनी चाहिए। अनिल शर्मा ने भी इस पर अपना समर्थन दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप छोड़ें, क्योंकि काम बोलता है। हिंदी फिल्मों ने देश को जोड़ने में योगदान दिया है।

मुंबईकरों की जुबानी कह रही अपराध मुक्त यूपी की कहानी

अपराध मुक्त यूपी की कहानी अब मुंबई भी सुना रही है। बोनी कपूर हों या सोनू निगम, सभी ने अपनी जुबानी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अपराध मुक्त यूपी की कहानी सुनाई। मनोज जोशी ने कहा कि मैंने कई फिल्में यूपी के लखनऊ और वाराणसी के गंगा घाट पर की, लेकिन पुलिसवाला हो या भाई, कोई किसी भी प्रोडक्शन के पास पैसे मांगने नहीं आया। राजकुमार संतोषी ने अपनी घातक फिल्म की दास्तां भी सुनाई। बोले कि उस समय लोग यूपी में कहते थे कि कैसे आप यहां फिल्म बना लेंगे, लेकिन अब पूरा हालात बदला है। आप जो सोच लेते, उसे करते हैं, इसलिए महाराज जी के साथ पसीना हमें भी बहाना पड़ेगा।

सुझाव सुनते ही नहीं, समाधान भी करते हैं योगी

निर्माता-निर्देशक राहुल मित्रा ने कहा कि 2018 में रोड के दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ को कुछ सुझाव दिए थे, वह सभी पूरे हुए। योगी आदित्यनाथ लोकेशन को लेकर भी संजीदा रहते हैं। वहीं अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि वर्तमान के साथ भविष्य की चुनौतियों को ढालना शुरू करें तो परिणाम बेहतर होंगे। सीएम ने कहा कि इस क्षेत्र में हमारा अनुभव नहीं है। उनकी चुनौतियों और समाधान का मार्ग भी आपको ही दिखाना है। यानी सबका साथ, सबका सुझाव ही सबके विकास का रास्ता खोलेगा।

योगी के विकास पर भी वॉलीवुड की मुहर

योगी के विकास पर अब सिर्फ प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के सभी कोनों से मुहर लग रही है। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में फिल्म कलाकारों से मुलाकात की। कलाकारों ने भी योगी के विकास पर अपनी मुहर लगाई। बोनी कपूर ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने यूपी को अपराध मुक्त कर दिया। मनोज मुंतशिर ने कहा कि योगी के नेतृत्व में यूपी का चहुमुंखी विकास हुआ। ओम राव ने विकास पर अपनी सटीक राय रखते हुए कहा कि योगी के राज्य में पॉलिसी सिर्फ कागजों में नहीं रहती, धऱातल पर उतरती है। यानी योगी का विकास यूपी की सड़कों से मुंबई के दिलों तक पहुंच रहा है।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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