नई दिल्ली। भारत में सार्वजनिक खरीद के लिए सरकारी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (GeM) की एक रिपोर्ट सामने आई है। इसमें 2019 के बाद से किए गए कुल ऑर्डर का 55 प्रतिशत से अधिक हिस्सा माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज (MSE) के लिए था। इससे पता चलता है कि हाल के दिनों में छोटे और लघु उद्योगों को पहचान मिल रही है और भारत की अर्थव्यवस्था में इनका योगदान बढ़ रहा है।
GeM के सीईओ पी के सिंह ने कहा कि MSE के लिए सार्वजनिक खरीद नीति में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद का 25 प्रतिशत और महिलाओं के स्वामित्व वाले MSE का 3 प्रतिशत अनिवार्य है।
हुए कुल इतने ऑर्डर
जानकारी के मुताबिक, GeM पर कुल 2,57,263 करोड़ रुपये का ऑर्डर किया गया है। इसमें से MSE का 55.2 प्रतिशत यानी कि 1,41,887 करोड़ रुपये का ऑर्डर है। दूसरी तरफ, महिलाओं के स्वामित्व वाले MSE ने 8 प्रतिशत यानी कि 11,373 करोड़ रुपये का ऑर्डर हासिल किया है। इन आंकड़ों के साथ ही सरकारी पोर्टल जीईएम से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद चालू वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है।
पोर्टल में मिलती हैं ये सुविधाएं
बता दें कि GeM पोर्टल पर खरीद के लिए कार्यालय स्टेशनरी से लेकर वाहनों तक की एक बड़ी रेंज दी जाती है। इसमें ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर और कार्यालय फर्नीचर टॉप उत्पाद श्रेणियां हैं। इसके अलावा परिवहन, रसद, अपशिष्ट प्रबंधन, वेब कास्टिंग जैसी सर्विस भी सूचीबद्ध हैं।
क्या है ई मार्केटप्लेस पोर्टल?
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए 9 अगस्त, 2016 को गवर्नमेंट ई-मार्केट (GeM) पोर्टल लॉन्च किया गया था। GeM भारत में सार्वजनिक खरीद के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसमें खरीद के सभी तरीके जैसे कि सीधी खरीद, ई-बोली, रिवर्स ई-नीलामी और सीधी रिवर्स नीलामी के साथ बोली लगाना जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
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