आध्यात्म
गोरक्षनाथ में खिचड़ी में चढ़े अन्न के हर दाने का उपयोग करता है मंदिर प्रशासन
गोरखपुर। गोरक्षनाथ मंदिर (गोरखपुर), जहां खिचड़ी के दिन चावल-दाल की बरसात होती है। माह भर तक चलने वाले खिचड़ी मेले के बाकी दिनों में भी आने वाले लोग भी बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी जरूर चढ़ाते हैं। ऐसे में ये जिज्ञासा स्वाभाविक है कि इतना अन्न जाता कहां है?
दरअसल, बाबा गोरखनाथ को चढ़ने वाले चावल-दाल को पूरे साल लाखों लोग प्रसाद के रूप में पाते हैं। मंदिर में चढ़ने वाली सब्जियां और अन्न मंदिर के भंडारे, गरीबों के यहां शादी-ब्याह, वनवासी आश्रम, दृष्टिहीन विद्यालय और ऐसी ही अन्य संस्थाओं को गोरखनाथ मंदिर से जाता है।
रोज करीब 600 लोग पाते हैं प्रसाद
मंदिर से करीब साढ़े चार दशक से जुड़े द्वारिका तिवारी के मुताबिक परिसर में स्थित संस्कृत विद्यालय, साधुओं और अन्य स्टॉफ के लिए भंडारे में रोज करीब 600 लोगों का भोजन बनता है। नियमित अंतराल पर समय-समय पर मंदिर में होने वाले आयोजनों में भी इसी का प्रयोग होता है।
इन आयोजनों में हजारों की संख्या में लोग प्रसाद पाते हैं। इस सबको जोड़ दें तो यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। मंदिर के भंडारे से अगर कुछ बच जाता है वह गोशाला के गायों के हिस्से में चला जाता है। इस तरह मंदिर प्रशासन अन्न के एक-एक दाने का उपयोग करता है।
तीन बार में होती है ग्रेडिंग
भक्त बाबा गोरक्षनाथ को चावल-दाल के साथ आलू और हल्दी आदि भी चढ़ाते हैं। सबको एकत्र कर पहले बड़े छेद वाले छनने से चाला जाता है। इससे आलू और हल्दी जैसी बड़ी चीजें अलग हो जाती हैं। फिर इसे महीन छनने से गुजारा जाता है।
इस दौरान आम तौर पर चावल-दाल भी अलग हो जाता है। थोड़ा-बहुत जो बचा रहता है उसे सूप से अलग कर दिया जाता है। ये सारा काम मंदिर परिसर में रहने वाले कर्मचारी और उनके घर की महिलाएं करती हैं।
उत्तर प्रदेश
जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत
नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।
दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।
हादसे में बड़ी बेटी का निधन
हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.
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