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उत्तर प्रदेश

विधानसभा व लोकसभा चुनाव में किसी से गठबंधन नहीं करेगी बसपा: मायावती  

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लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती का आज जन्मदिन है। इस अवसर पर पार्टी के लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय पर मीडिया से बात करते हुए मायावती ने कहा कि बसपा अगले साल होने जा रहे चार राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में किसी से गठबंधन नहीं करेगी और अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।

उन्होंने कहा कि यदि बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा यह सारा खेल ईवीएम की गड़बड़ी का है। जातिवादी और संकीर्ण ताकतें साम दाम दंड भेद से बसपा को दूर करने में जुटी हैं।

उन्होंने कहा कि ग्लोबल समिट के नाम पर यह जो निवेश आ रहा है यह केवल भाजपा की खराब नीतियों पर पर्दा डालने की नाटक बाजी है। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में लोगों को उजाड़ा जा रहा है, कानून व्यवस्था की आड़ में घिनौना खेल खेला जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अब ओबीसी आरक्षण पर भी भाजपा कांग्रेस सपा की राह पर चल निकली है। यही कारण रहा कि निकाय चुनाव प्रभावित हुआ। इस मौके पर मायावती ने मेरे संघर्ष में जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा भाग 18 का भी विमोचन किया।

बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जब-जब बैलेट से चुनाव हुआ बसपा का जनाधार बढ़। ईवीएम आने के बाद ही यह गड़बड़ी हुई। उन्होंने कहा कि बसपा के युवा तैयार हो जाए तो एक न एक दिन सिस्टम भी फेल होगा। जिन जिन देशों में बैलेट पेपर से पहले चुनाव होता था, दोबारा उसी से शुरू कर दिया गया है।

राजनीति में उतार चढाव आते रहते है हमारा बेस वोटर हमारे साथ है । मुस्लिम और अति पिछड़े वोट वायदों के चलते गुमराह हो जाते है इसके चलते पार्टी को थोड़ा नुकसान हुआ है ।

बाबा साहब ने नहीं चलाई मनुस्मृति

बिहार के एक मंत्री के इस बयान पर कि बाबा साहब अंबेडकर ने ही मनुस्मृति शुरू की थी, मायावती ने कहा यह बात तो बिल्कुल साफ है कि बाबा साहब अंबेडकर ने मनुस्मृति नहीं चलाई। हालांकि मंत्री ने यह बात किस परिपेक्ष में कही है इसका उन्हें पता नहीं है।

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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