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आध्यात्म

कल है मौनी अमावस्या का पावन पर्व, इस बार बन रहा काफी दुर्लभ योग

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Mauni Amavasya

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नई दिल्ली। माघ महीने की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या का पावन पर्व मनाया जाता है। पंचाग के अनुसार इस वर्ष अमावस्या तिथि 21 जनवरी शनिवार को सुबह 06 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और 22 जनवरी 2023 को सुबह 02 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार मौनी अमावस्या कल 21 जनवरी को है।

मौनी अमावस्या पर इस बार काफी दुर्लभ योग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शनिवार के दिन अमावस्या होने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाएगा। इस दिन स्नान-दान के साथ पितरों का तर्पण करना शुभ माना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन भगवान श्री हरि विष्णु के साथ पितृगणों की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

तर्पण और पिंडदान

अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करना शुभ माना जाता है। इस दिन नदी के तट पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल में तिल मिलाकर पितरों को तर्पण दें। इसके साथ ही निमित्त पिंडदान करें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और पितृगण वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

पीपल की पूजा

मौनी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। क्योंकि इस दिन पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ-साथ अन्य देवता वास करते हैं।

पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है। इसलिए अमावस्या के दिन पीपल में जल अर्पित करें। इसके साथ ही सफेद रंग की मिठाई अर्पित करके परिक्रमा लगाएं।

दान

मौनी अमावस्या के दिन दिए गए दान को महादान माना जाता है। इसलिए इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों, गरीबों को आटा, चावल, कंबल, तिल से बनी चीजें, मिठाई, चीनी, दूध आदि दान कर सकते हैं। इससे जीवन के कई कष्टों से छुटकारा मिल जाएगा।

सूर्यदेव की पूजा

मौनी अमावस्या के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य जरूर दें। जल चढ़ाते समय तांबे के लोटे में लाल सिंदूर, लाल फूल, काले तिल भी डाल लें।

इन पशु-पक्षियों को खिलाएं भोजन

मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने के साथ गाय, कौवा, कुत्ता, चींटी आने के लिए भोजन रखें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।

करें शनिदेव की पूजा

शनिवार के दिन पड़ने के कारण शनिदेव की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होगी। इसलिए इस दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें। इसके साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

डिसक्लेमर: उपरोक्त लेख महज सूचना के लिए हैं, किसी भी जानकारी की सटीकता की गारंटी नहीं है। अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की राय अवश्य लें।

उत्तर प्रदेश

जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत

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नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।

दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।

हादसे में बड़ी बेटी का निधन

हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.

 

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