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बिजनेस

भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों का रुझान नकारात्मक, कर रहे जमकर बिकवाली

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The rise in the Indian stock market stopped

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नई दिल्ली। चीन के बाजार में सस्ते वैल्यूएशन और अमेरिका में मंदी आने की आशंका के बीच विदेशी निवेशक (FI) भारतीय बाजारों में जमकर बिकवाली कर रहे हैं। जनवरी की शुरुआत से लेकर अब तक फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर (FPI) की ओर से भारतीय बाजारों में 15,236 करोड़ रुपए की बिकवाली की जा चुकी है। वहीं, पिछले चार कारोबारी सत्रों से विदेशी निवेशकों का रुझान नकारात्मक बना हुआ है।

इससे पहले विदेशी निवेशकों ने दिसंबर में 11,119 करोड़ रुपये और नवंबर में 36,239 करोड़ रुपये का निवेश किया था। 2022 में भारतीय शेयर बाजारों से एफपीआई ने 1.21 लाख करोड़ रुपये निकाले थे। ये बिकवाली ऐसे समय पर की गई थी, जब दुनिया का हर केंद्रीय बैंक महंगाई को कम करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा था और कच्चे तेल के साथ-साथ अन्य कमोडिटी की कीमत में भी उछाल देखने को मिल रहा था।

बिकवाली ने किया सप्राइज

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजिस्ट, वीके विजय कुमार का कहना है कि डॉलर इंडेक्स में गिरावट होने के बावजूद भी एफपीआई की ओर से जारी बिकवाली सरप्राइज करने वाली है। डॉलर इंडेक्स ने  2022 में अपने उच्चतम स्तर 114 को छुआ था, फिलहाल 103 के आसपास कारोबार कर रहा है।

इसके साथ उन्होंने आगे कहा कि डॉलर की कीमत में कमी आना विकासशील देशों के बाजारों के लिए राहत का संकेत है। मौजूदा समय में विदेशी निवेशक भारत से सस्ते बाजार जैसे चीन, हांगकांग, साउथ कोरिया और थाईलैंड में खरीदारी कर रहे हैं।

अन्य देश में FPI निवेश

एशिया में एफपीआई ने भारत के साथ इंडोनेशिया के बाजार में बिकवाली की है। वहीं, थाईलैंड दक्षिण कोरिया और फिलीपींस के बाजारों में रुझान सकारात्मक रहा है।

Negative trend of foreign investors in Indian markets, foreign investors in Indian markets,

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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