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उत्तर प्रदेश

मानस विवाद: बुरे फंसे स्वामी प्रसाद मौर्य, एक्शन की तैयारी में नाराज अखिलेश

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Akhilesh angry to Swami Prasad Maurya

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लखनऊ। रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी कर चौतरफा घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य को कहीं ठौर-ठिकाना नहीं मिल रहा है। सत्ताधारी दल भाजपा तो मौर्य पर हमलावर है ही, खुद उनकी ही पार्टी सपा ने भी किनारा कर लिया है।

सोमवार को मुरादाबाद पहुंचे प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने मौर्य को विक्षिप्‍त तक कह दिया। उन्‍होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से सवाल किया कि क्‍या पार्टी मौर्य के बयान से सहमत है। पार्टी का इस पर क्‍या स्‍टैंड है अखिलेश साफ करें।

इसके बाद सपा की ओर से रविदास मेहरोत्रा ने एक वीडियो जारी करके कहा कि मौर्य ने अज्ञानवश यह बयान दिया है। पार्टी उनके इस बयान से सहमत नहीं है, यह उनके निजी विचार हैं। उन्‍होंने यह भी संकेत दिए कि अखिलेश यादव इस पर कार्रवाई करेंगे।

मेहरोत्रा ने कहा स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर जो बयान दिया है वह उनका निजी बयान है। यह पार्टी का स्‍टैंड नहीं है। राजनेताओं को महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्‍टाचार, विकास और जो जनता के मुद्दे हैं इनपर बोलना चाहिए और धार्मिक पुस्‍तक पर बोलने से बचना चाहिए।

इतना ही नहीं रविदास मेहरोत्रा ने उस दोहे की भी व्‍याख्‍या की जिसके आधार पर स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को बैन करने की मांगी की थी।

मेहरोत्रा ने कहा, ‘जिस दोहे के बारे में स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है उसमें ताड़ना का अर्थ परखना और पहचानना है। अज्ञानतावश उन्‍होंने ऐसी टिप्‍पणी की है। टिप्‍पणी करने से पहले पूरा ज्ञान होना चाहिए। माननीय राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जी के संज्ञान में पूरा प्रकरण आ गया है और वह शीघ्र ही इस पर समुचित कार्रवाई करेंगे।’

चर्चा है कि समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्‍य भी स्‍वामी प्रसाद मौर्य के बयान से असंतुष्‍ट हैं। अखिलेश यादव से उनकी इस पर बात हुई है। फिलहाल अखिलेश यादव उत्तराखंड के दौरे से वापस लौटे हैं। सपा के प्रवक्ताओं को इस मामले पर बोलने से मना कर दिया गया है।

बताया जा रहा है समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव इस संदर्भ में एक बैठक करेंगे जिसके बाद मंगलवार को हो सकता है कि मीडिया से बातचीत भी करें। फिलहाल कोई भी समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर खुलकर नहीं बोल रहा है।

हिंदू महासभा ने हजरतगंज कोतवाली में की शिकायत

अखिल भारत हिंदू महासभा ने हजरतगंज कोतवाली में तहरीर देकर एफआइआर दर्ज करने की मांग की। एसीपी चौक को प्राचीन लेटे हुए हनुमान जी मंदिर की ओर से भी पूर्व मंत्री के खिलाफ तहरीर दी गई है।

मौर्या को भेजा जाए जेल

राष्ट्रीय संत सुरक्षा समिति एवं श्री कृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य देवमुरारी बापू ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्रीरामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताकर अपनी मानसिक विक्रति को जग जाहिर किया है।

यह केवल रामचरितमानस का अपमान ही नहीं करोड़ों हिंदुओं का एवं सनातन धर्म का अपमान है। सरकार इनको तुरंत जेल भेजे। ऐसा न होने पर संत समाज प्रदर्शन कर धरने पर बैठेगा।

हनुमान सेतु मंदिर के आचार्य चंद्रकांत द्विवेदी ने भी बयान को समाज विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें ज्ञान नहीं है कि श्रीराम चरित मानस सनातन संस्कृति का आईना है जिसका सम्मान हजारों साल से हो रहा है। हिंदू जागरण मंच ने भी उनके बयान की निंदा की है।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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