Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

गोरखनाथ मंदिर में हमले के दोषी अहमद मुर्तजा को सुनाई फांसी की सजा

Published

on

Ahmad Murtaza sentenced to death

Loading

गोरखपुर। उप्र के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के हमले मामले में दोषी करार दिए गए अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई गई है। सोमवार को मामले में एटीएस-एनआईए कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। बीते दिनों कोर्ट की ओर से मुर्तजा यूएपीए, देश के खिलाफ जंग छेड़ने और जानलेवा हमले के आरोप में दोषी करार दिया गया था।

सोमवार को मुर्तजा को सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश किया गया था। एटीएस-एएनआई की कोर्ट ने मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई है। बता दें मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर में घुसकर सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा हमला किया था। 4 अप्रैल को गोरखनाथ चौकी के मुख्य कॉन्स्टेबल विनय कुमार मिश्रा ने मुर्तजा के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। वह मंदिर के गेट नंबर एक के सुरक्षा प्रभारी थे।

मुर्तजा ने पीएसी के सिपाही अनिल कुमार पासवान पर हमला कर उनसे हथियार छीनने की कोशिश की थी। अन्य सुरक्षाकर्मी बचाव में आए तो मुर्तजा ने उन पर भी हमला कर दिया। इसके बाद वह हथियार लहराते हुए धार्मिक नारे लगाने लगा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जांच में उसके पास से हथियार, लैपटॉ और उर्दू में लिखी सामग्री बरामद की गई थी।

मामले में डिप्टी एसपी संजय वर्मा ने चार्जशीट दाखिल की थी। एटीएस ने इस मामले में अहमद मुर्तजा को 25 अप्रैल 2022 को विशेष अदालत में पेश किया था और पुलिस कस्‍टडी लेकर रिमांड भी हासिल की थी। सरकार के खर्च पर मुर्तजा के लिए वकील किया गया था।

27 गवाहों की पेशी के बाद एटीएस-एनआईए कोर्ट इस नतीजे पर पहुंची और सोमवार को दोषी मुर्तजा को फांसी की सजा का ऐलान कर दिया। इससे पहले शनिवार को एनआईए-एटीएस की कोर्ट ने अहमद मुर्तजा को दोषी करार दिया था।

Continue Reading

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending