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मोहन भागवत के बयान पर RSS का स्पष्टीकरण- ‘पंडित’ का अर्थ है ‘विद्वान’

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Dr. Mohan Bhagwat

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान को लेकर संगठन ने स्पष्टीकरण दिया है। दरअसल, भागवत ने मुंबई के एक कार्यक्रम में कहा था कि सत्य ही ईश्वर है। सत्य कहता है कि मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच-नीच नहीं है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते हैं, वो झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच-नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है।

बयान में कहे ‘पंडित’ शब्द को लेकर कई लोग विरोध जता रहे थे। इस पर संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मोहन भागवत संत रविदास जयंती कार्यक्रम में थे। उन्होंने ‘पंडित’ का उल्लेख किया, जिसका अर्थ है ‘विद्वान’।

सत्य यह है कि मैं सब प्राणियों में हूं, इसलिए रूप नाम कुछ भी हो, लेकिन योग्यता एक है। मान सम्मान एक है। सबके बारे में अपनापन हैं। कोई भी ऊंचा-नीचा नहीं है। शास्त्रों का आधार लेकर कुछ विद्वान लोग, जो जातिआधारित ऊंच-नीच की बात कहते हैं, वह झूठ है।

उन्होंने कहा था कि संत रविदास ने कहा कर्म करो, धर्म के अनुसार कर्म करो। पूरे समाज को जोड़ो, समाज में उन्नति के लिए काम करना यही धर्म है। सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही धर्म नहीं है और यही वजह है कि समाज के बड़े-बड़े लोग संत रविदास के भक्त बनें।

भागवत ने कहा था कि लोग चाहे किसी भी तरह का काम करें, उसका सम्मान होना चाहिए। श्रम के लिए सम्मान की कमी बेरोजगारी के कारणों में से एक है। कार्य के लिए चाहे शारीरिक श्रम की आवश्यकता हो या बुद्धि की, चाहे उसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता हो या सॉफ्ट स्किल्स की- सभी का सम्मान किया जाना चाहिए।

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नेशनल

रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस

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नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।

ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

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