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ऊँ और अल्लाह वाले बयान पर मदनी ने कहा- मेरी बातों को गलत समझा गया
नई दिल्ली। जमीत उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना अरशद मदनी के ऊँ और अल्लाह वाले बयान के मामले पर हंगामा मचा हुआ है। बयान पर मदनी ने सफाई दी है और कहा कि उनकी बातों को गलत समझा गया। अपने बयान पर माफी मांगने के सवाल पर मदनी ने कहा कि जो समझ जाएगा वो ऐसी बात नहीं करेगा। दरअसल, मदनी ने ‘ऊँ और अल्लाह के अलावा मनु और आदम को एक बताया था। उनकी इस बात का विरोध करते हुए जैन संत लोकेश मुनि ने विरोध किया और मंच छोड़कर चले गए।
क्या कहा था मदनी ने?
मदनी ने कहा था कि बहुसंख्यक समाज के पूर्वज हिंदू नहीं बल्कि मनु थे और ये ऊँ यानी अल्लाह की पूजा करने वाले थे। दरअसल, मदनी ने RSS चीफ मोहन भागवत के उस बयान पर ये कहा जिसमें संघ प्रमुख ने कहा था कि मुसलमान चाहें तो अपने धर्म के साथ रहें या फिर अपने पूर्वजों की तरफ लौट आएं।
मदनी ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में कहा कि जो मंच छोड़कर गए हैं उनसे पूछिए कि वह क्यों गए? उन्होंने कहा कि वो बहुत चीजें ऐसी कहते हैं जिससे हम ताल्लुक नहीं रखते हैं। बहुत चीजें ऐसी हैं जो हम कहते हैं और वो उनको अच्छी नहीं लगती है। हमें तो एक-दूसरे के करीब रहना चाहिए, बात करनी चाहिए, उठकर चले जाने से मसले का हल नहीं होगा।
मां-बाप ने पैदा किया लेकिन…
मदनी ने कहा कि वो अल्लाह को नहीं मानते हैं तो मत माने। हम मानते हैं कि हमें मां-बाप ने पैदा किया है लेकिन ये अल्लाह ने चाहा तब हुआ। कितने लोग हैं जो शादियां करते हैं उनकी औलाद नहीं होती है। दुनिया की पूरी आबादी यही मानती है। कोई नहीं मानता है तो मत माने।
यह पूछने पर कि आपके बयान के बाद जैन मुनि के विरोध का कई लोगों ने समर्थन किया है इस पर मदनी ने कहा कि हो सकता है, लेकिन इसका समर्थन करने वाले उनसे कई गुना ज्यादा हैं।
ऊँ और अल्लाह पर मदनी ने क्या कहा
मदनी से जब ये पूछा गया कि जो वह कह रहे हैं उसका कोई लिखित आधार है। इसपर मदनी ने कहा कि जब आप हिंदू धर्म को पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि वो ऊँ किसे कहते हैं, जिसकी कोई सूरत नहीं हो। जैसे हवा पाई जाती है, वैसे ही वो हर जगह है। वही देता है, वही लेता है। उसी ने धरती बनाई है, हम उसे ही अल्लाह कहते हैं। अल्लाह की जाति भी वही है।
उसका न कोई रंग है, न रूप है, न कोई शरीर है। वो हर जगह है और सबकुछ वही करता है। उसी ने धरती बनी है, उसी ने आसमान बनाया है। उसी ने बनाकर मनु को दुनिया के अंदर उतारा था। पैदा नहीं पैदा जब किया तब किया। उसे दुनिया में उतारा और उनकी पत्नी शतरूपा को उतारा लेकिन पैदा तो उन्हें अल्लाह ने ही किया।
माफी मांगने पर ये कहा
यह पूछने पर कि क्या वह इस विवाद में माफी मांगेंगे इसपर मदनी ने कहा कि मैं समझता हूं कि उन्होंने मेरी बात को समझा नहीं है। मैं उर्दू बोलता हूं उसमें फारसी के भी शब्द होते हैं। अगर वो समझ लेते तो ऐसी बात नहीं होती। वो कहते हैं शिव की पूजा करते हैं। शिव का एक शरीर था, जिस्म था, शिव के लिंग की पूजा की जाती है।
अल्लाह वो है जिसका कोई शरीर नहीं है, वो हर जगह है। उसी ने मनु को उतारा था। हम अल्लाह के कहने से चलते हैं। हम ईश्वर को उसी तरह मानते हैं जिस तरह मनु मानते हैं। मनु कहते हैं कि ईश्वर का कोई शरीर नहीं है। सूरत नहीं। जिसकी ताकत है, जिसकी ताकत सदैव रहेगी
मदनी के बयान पर नाराज हुए थे संत
बता दें कि मदनी के बयान से लोकेश मुनि नाराज हो गए थे। उन्होंने मंच पर बोलते हुए इसपर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आपने जो बात कही है, मैं उससे सहमत नहीं हूं। मेरे साथ सर्वधर्म के संत भी सहमत नहीं हैं। हम केवल सहमत हैं कि हम मिलजुलकर रहें, प्यार से रहें, मोहब्बत से रहें।’ इसके बाद वे कुछ अन्य धर्मगुरुओं के साथ मंच छोड़कर चले गए थे।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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