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भाजपा इतिहास में किसी के योगदान को हटाना नहीं चाहती है : अमित शाह

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस वार्ता में कई मुद्दों पर स्पष्ट बात करते हुए मुगलों के इतिहास से लेकर भाजपा की राज्य सरकारों द्वारा लिए गए फैसलों पर अपनी राय रखी। मुगलों के इतिहास को मिटाने और उनसे जुड़े शहरों के नाम बदलने के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए ने कहा कि भाजपा राज्य सरकारों ने अच्छे फैसले लिए हैं, जो उनके वैधानिक अधिकारों के भीतर हैं। अमित शाह ने कहा कि भाजपा इतिहास में किसी के योगदान को हटाना नहीं चाहती है।

हर सरकार के अपने वैधानिक अधिकार होते हैं

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसी का योगदान नहीं हटाया जाना चाहिए और न ही हम उसे हटाना चाहते हैं, लेकिन अगर कोई देश की परंपरा को स्थापित करना चाहता है तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

शाह ने कहा हमने एक भी शहर का नाम नहीं बदला है, जिसका पहले कोई पुराना नाम नहीं था। हमारी सरकारों ने सोच-समझकर फैसले लिए हैं। हर सरकार के अपने वैधानिक अधिकार होते हैं।

जांच एजेंसियों का दुरूपयोग के आरोपों पर भी बोले शाह

साथ ही साथ अमित शाह ने यह भी कहा कि विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी दल भाजपा उन्हें परेशान करने के लिए जांच एजेंसियों का दुरूपयोग करती है। उन्होंने कहा कि वे अदालत क्यों नहीं जाते, जब पेगासस का मुद्दा उठाया गया था तो मैंने कहा था कि कोर्ट में सबूत के साथ जाओ, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया बल्कि शोर मचाने का काम किया।

केवल आरोपों व शोर मचाना जानता है विपक्ष

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित विपक्षी दलों ने अक्सर भाजपा पर सीबीआई, ईडी और अन्य एजेंसियों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। कोर्ट तो हमारे कब्जे में नहीं है। विपक्ष केवल आरोपों व शोर मचाना जानते हैं।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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